सीएम भजनलाल शर्मा का मास्टर स्ट्रोक! वर्षों पुराने विवाद को सुलझाकर प्रदेश को दिया ये बड़ा तोहफा

Rajasthan news: पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना प्रोजेक्ट का मुद्दा अब सुलझ गया है. पानी के बंटवारे को लेकर राजस्थान और मध्यप्रदेश के सीएम के बीच अहम बैठक हुई. जिसमें सीएम भजनलाल शर्मा और सीएम मोहन यादवन, दोनों ही सीएम ने राज्य पानी के बंटवारे पर विवाद को सुलझाने पर सहमति जाहिर की. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा […]

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28 Jan 2024 (अपडेटेड: 28 Jan 2024, 02:28 PM)

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Rajasthan news: पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना प्रोजेक्ट का मुद्दा अब सुलझ गया है. पानी के बंटवारे को लेकर राजस्थान और मध्यप्रदेश के सीएम के बीच अहम बैठक हुई. जिसमें सीएम भजनलाल शर्मा और सीएम मोहन यादवन, दोनों ही सीएम ने राज्य पानी के बंटवारे पर विवाद को सुलझाने पर सहमति जाहिर की. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (bhajanlal sharma) ने कहा कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) राजस्थान और मध्यप्रदेश के लिए महत्वपूर्ण परियोजना है. इससे राजस्थान के 13 जिलों में 2.80 लाख हैक्टेयर सिंचाई क्षेत्र के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा. खेत-खलिहानों के साथ औद्योगिक और वन क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा. वर्षों से चल रही पेयजल की समस्या का समाधान भी होगा.

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रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ पत्रकारों को सम्बोधित कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमनें संकल्प पत्र में प्रदेशवासियों से ईआरसीपी सहित जो वादे किए हैं, उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में मिलकर परिणीति तक पहुंचाएंगे.

इन राज्यों को होगा फायदा

मुख्यमंत्री ने कहा कि ईआरसीपी से राजस्थान के झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर, अजमेर एवं टोंक जिलों को पानी की समस्या से राहत मिलेगी. यह परियोजना पूर्वी राजस्थान के लोगों के लिए वरदान साबित होगी. उन्होंने कहा कि इससे पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी का नदी से नदी जोड़ने का सपना भी साकार होगा.

मध्यप्रदेश में बनेंगे 7 बांध

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह परियोजना शिवपुरी, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, इंदौर, देवास सहित कई जिलों में पेयजल के साथ औद्योगिक जरूरतों को पूरा करेगी. तहत 7 बांध बनाए जाएंगे। डॉ. यादव ने कहा कि इस परियोजना से दोनों ही राज्यों में औद्योगिक निवेश, पर्यटन और शैक्षणिक संस्थाओं को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही, सिंचाई क्षेत्र और अधिक समृद्ध होगा.

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