धारीवाल पर दिव्या का पलटवार, कहा- आपने 25 सितंबर को आलाकमान को ब्लैकमेल करने की कोशिश की

Jaipur News: कांग्रेस नेता स्वर्गीय पंडित नवल किशोर शर्मा की जयपुर में मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में शांति धारीवाल ने बयान पर अब बवाल शुरू हो गया है. इस दौरान कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल मे कहा कि मुझे नवल किशोर शर्मा ने कहा था कि आज से आपका गुरु अशोक गहलोत है. मैं उनकी हर बात […]

धारीवाल पर दिव्या का पलटवार, कहा- आपने 25 सितंबर को आलाकमान को ब्लैकमेल करने की कोशिश की.
धारीवाल पर दिव्या का पलटवार, कहा- आपने 25 सितंबर को आलाकमान को ब्लैकमेल करने की कोशिश की.

राजस्थान तक

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Jaipur News: कांग्रेस नेता स्वर्गीय पंडित नवल किशोर शर्मा की जयपुर में मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में शांति धारीवाल ने बयान पर अब बवाल शुरू हो गया है. इस दौरान कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल मे कहा कि मुझे नवल किशोर शर्मा ने कहा था कि आज से आपका गुरु अशोक गहलोत है. मैं उनकी हर बात को मानना हूं. यह वो अशोक गहलोत है, जिन्होंने अच्छे अच्छों को पानी पिला दिया. बड़े-बड़े उम्मीदवार थे, लेकिन आलाकमान ने गहलोत को जिम्मेदारी सौंपी. धारीवाल के इसी बयान पर विवाद शुरू हो गया है. इस पर विधायक दिव्या मदेरणा ने पलटवार किया है.

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जयपुर में घाट की गूणी में गुरुवार को पूर्व राज्यपाल पंडित नवल किशोर शर्मा की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में सीएम की मौजूदगी में मंत्री धारीवाल ने यह बयान दिया. धारीवाल के इस बयान से ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा खफा नजर आई. उन्होंने ट्वीट कर धारीवाल को जवाब दिया है.

1998 के बाद आज तक ट्रिपल डिजिट पर नहीं आई कांग्रेस: दिव्या

दिव्या ने ट्वीट कर लिखा- ‘जीव तो जानते ही है व अजीव पहाड़, रास्ते इत्यादि भी चिल्ला चिल्लाकर इस बात की पुष्टि करेंगे कि 1998 में 153 सीटों का जनादेश स्वर्गीय परसराम मदेरणा के नाम पर आया था और 1998 के बाद कांग्रेस कभी 100 का आंकड़ा पार नहीं कर पायी. ट्रिपल डिजिट से डबल डिजिट में ही सिमटी रही. राजस्थान एवम हिंदुस्तान के किसी नेता में दम नहीं था कि उन्हें पानी पिला देते. वे जानता के नेता थे लेकिन उसूलों और सिद्धांतों के नेता भी थे.

परसराम मदेरणा ने आलाकमान का आदेश सर आंखों पर रखा: दिव्या

पं. नवल किशोर शर्मा के मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में शांति धारीवाल जी का यह बयान कि अशोक गहलोत ने कई बड़े-बड़े लोगो को पानी पिला दिया. जब पीसीसी चीफ थे, तो कई बड़े-बड़े उम्मीदवार थे मुख्यमंत्री के लिए लेकिन किसी को नहीं बनने दिया. मैं शांति धारीवाल जी के इस बयान की कड़े शब्दों में निंदा करती हूं. परसराम मदेरणा कांग्रेस के निष्ठावान सिपाही थे व उन्होंने नेहरू गांधी परिवार की किसी बात को कभी नहीं टाला. 1998 उनके जीवन का आखिरी चुनाव होगा इसकी घोषणा चुनाव से पहले उन्होंने कर दी थी फिर भी आलाकमान का आदेश सर आंखों पर और इसीलिए 1998 में उन्होंने ही माइक पर एक लाइन का प्रस्ताव पारित करवाया था कि कांग्रेस आलाकमान जो निर्णय लेंगे व सब कांग्रेस जन को मंज़ूर होगा.

25 सितंबर को आपने आलाकमान को पानी पिलाया: दिव्या

25 सितम्बर को अधिकृत विधायक दल का बहिष्कार कर समांतर विधायक दल की मीटिंग अपने ख़ुद के सरकारी आवास पर रख कर आलाकमान को पानी पिलाने का काम करने वाले आप स्वयं ही थे. 25 सितंबर की शाम को आप ने आलाकमान को ब्लैकमेल करने की कोशिश की. समांतर विधायक दल की मीटिंग बुलाई. उसे आलाकमान कितना प्रसन्न हुआ कृपया यह भी बता देते? 25 सितम्बर को एक लाइन का प्रस्ताव स्थगित करा कर आपने श्रीमती सोनिया गांधी जी का अपमान किया था और आज पानी पिलाने जैसे शब्दों का प्रयोग कर स्व परसराम मदेरणा जी का अपमान किया है. निष्ठा, उसूल, अनुशासन यह शब्द आपकी शब्दकोश में है ही नहीं इसलिए आप से नैतिकता की उम्मीद भी नहीं है.

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