Rajasthan Electricity Crisis: राजस्थान का बिजली संकट गहराने से अब अंधेरा होने की आशंका बढ़ गई है. करीब एक महीने से प्रदेशभर में बिजली का संकट देखने को मिल रहा है. जिसके चलते गांव-कस्बों में घोषित या अघोषित कटौती की जा रही है.
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ऊर्जा की समस्या से जूझ रहे राज्य के लिए ये खबर और भी चौंकाने वाली है कि बिजली उत्पादन करने वाली सरकारी बिजली कंपनी में डायरेक्टर से लेकर सीएमडी तक के पद खाली हैं. उत्पादन निगम के सीएमडी आरके शर्मा का कार्यकाल तीन दिन पहले पूरा हो चुका है, लेकिन सरकार ने अभी तक नए सीएमडी के आदेश जारी नहीं किए हैं और तो और मॉनिटरिंग नहीं होने से उत्पादन पर भी असर देखने को मिल रहा है.
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जानकारी के मुताबिक राजस्थान उत्पादन निगम में टेक्निकल, प्रोजेक्ट और फाइनेंस डायरेक्टर के तीन पद पहले से ही खाली हैं. बिजली उत्पादन करने वाले निगम में भी डायरेक्टर टेक्निकल का पद खाली होने से पावर प्लांट में आ रही टेक्निकल दिक्कतों के समाधान में समय लग रहा है. प्रदेश की सरकारी विद्युत निगमों में मॉनिटरिंग करने वाले 10 डायरेक्टरों के पद खाली हैं. ऊर्जा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी अब तक सीएमओ से डायरेक्टर और सीएमडी नियुक्ति के आदेश नहीं करवा पाए हैं,
गौरतलब है कि बीतें साल 25 मार्च 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ दौरा भी किया था. वहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के साथ लंबी चर्चा हुई थी. जबकि हाल ही में नीमकाथाना से कांग्रेस के विधायक सुरेश मोदी ने ही सरकार को इस मुद्दे पर घेरा था. उनका कहना है कि किसानों को समय पर बिजली नहीं मिल पा रही है. सरकार दावा करती है कि हम बिजली में सरप्लस है, जब सरप्लस है तो फिर कहीं बिजली सप्लाई के तंत्र में गड़बड़ी है. ऐसे में चुनावी साल में सरकार के सामने पेपर लीक, बिजली जैसे तमाम मुद्दों से निपटने की चुनौती खड़ी हो गई है.
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