इज्जत से बोलिए...तू क्या होता है? बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत पर उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत भड़क गए. एक लेटर दिखाते हुए बोले- 'ये प्रधानमंत्री नरेंद्र जी मोदी का लेटर है. इसके हिसाब से चलिए.' उन्होंने कहा- 'नरेंद्र मोदी जी व्यवस्थाओं में सुधार चाहते हैं. इस लेटर में 96 स्कीम्स हैं. इनपर बात करिए.' इसपर राजकुमार रोत बोले- 'ये आदमी सिर्फ बखेड़ा करने आया है.' ये सुनते ही मन्ना लाल रावत और भड़क गए. बोले- 'आदमी क्या होता है. मैं प्रतिनिधि हूं. 96 स्कीम्स से बाहर बात नहीं होगी. मेरा भी पावर है. नरेंद्र मोदी जी ने जैसा आदेश जारी किया है वैसा ही होना चाहिए.'
ADVERTISEMENT
ये सब हुआ डूंगरपुर जिले के जिला परिषद सभागार में. मौका था सोमवार को आयोजित जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (DISHA) की बैठक का. बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई. भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के सांसद राजकुमार रोत और भाजपा सांसद मन्नालाल रावत के बीच तीखी नोकझोंक हो गई. एजेंडे को लेकर शुरू हुई बहस कुछ ही देर में व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप तक पहुंच गई.
लड़ाई करनी हो तो बाहर आ जाना-MLA उमेश डामोर
भाजपा सांसद मन्नालाल रावत ने बैठक में केवल केंद्र सरकार की योजनाओं पर चर्चा किए जाने पर जोर दिया, जबकि बैठक की अध्यक्षता कर रहे सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि जनता से जुड़ी हर समस्या पर चर्चा करना उनका अधिकार है. इसी दौरान रोत ने रावत पर बैठक का माहौल खराब करने का आरोप लगाया. विवाद उस समय और बढ़ गया जब आसपुर विधायक (BAP) उमेश डामोर भी बहस में शामिल हो गए. विधायक और सांसद के बीच तीखी तकरार के दौरान उमेश डामोर ने कहा- लड़ाई करनी हो तो बाहर आ जाना.
इसपर मन्ना लाल रावत कहते रहे..ये भारत सरकार का आर्डर है और आप धमकी किसे दे रहे हो? इधर राजकुमार रोत ने पूछा कौन धमकी दे रहा? इस बात पर मन्ना लाल रावत और भड़क गए और कहने लगे- 'मेरे कान बहरे हैं क्या? मुझे सनाई नहीं दे रहा?' करीब 15 मिनट तक चले हंगामे के बाद अन्य जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के हस्तक्षेप से स्थिति संभली, तब जाकर बैठक दोबारा शुरू हो सकी.
मन्नालाल रावत बोले- ये आपत्तिजनक है
इस पूरे मामले पर मन्नालाल रावत से बात की गई तो उन्होंने कहा- 'कुछ ऐसे विषय हैं जो गाइडलाइंस से बाहर थे. हमने कोशिश की है कि वो गाइडलाइंस के दायरे में रहे. तनावपूर्ण स्थितियां बनीं. अपने संस्कारों से हमें जब कोई तू कह के बोलने लग जाए तो मुझे लगता है ये आपत्तिजनक है. दूसरा कोई व्यक्ति अपने अहंकार में सरकार की योजना से बाहर जाके बात करने लग जाए या कोई व्यक्ति राजस्थान सरकार और भारत सरकार को ये कहने लग जाए कि ये गजब की सरकार है...ऐसे मजाक उड़ाने लग जाएं तो मुझे लगता है ये ठीक नहीं है. इस बात को लेकर हमने आपत्ति दर्ज की है. ये कोई राजनीतिक दल की बैठक नहीं है. राजनीतिक आती जाती रहती है.. चुनाव जब होता है तब वोट की बात होती है. वहां तक तो ठीक है, लेकिन कोई व्यक्ति ये कहने लग जा के देख लूंगा तो मैंने कलेक्टर साहब को कहा है कि व्यक्ति के विरुद्ध आप कार्रवाई करें.
राजकुमार रोत बोले- वे डिस्टर्ब करने आए थे
केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप ही दिशा की बैठक का प्रावधान है. दिशा की बैठक में जो स्थानीय सांसद होता है उसको केंद्र सरकार की ओर से अध्यक्ष के रूप में नॉमिनेट किया गया है. कई बार होता है कि जिले में दो संसदीय क्षेत्र पड़ते हैं. नजदीक के संसदीय क्षेत्र उदयपुर से सांसद महोदय आते हैं. वो इस कमिटी के सह अध्यक्ष हैं. जब भी बैठक आयोजित कराने की बात हुई हमेशा बैठक को निरस्त कराया गया. कहा गया कि इस तारीख को वे अवेलेबल नहीं हैं. उदयपुर सांसद महोदय ने उठाई गई समस्याओं पर केवल रोकने-टोकने का काम किया. इनका प्रोपेगेंडा था कि दिशा की बैठक को डिस्टर्ब किया जाए. राजकुमार रोत ने कहा आगे कहा- ''मैं कहना चाहूंगा की कितना भी प्रयास कर ले लेकिन डूंगरपुर जिले में केंद्र राज्य सरकार की योजना को धरातल पर लागू करने का काम भारत आदिवासी पार्टी कराएगी जहाँ पर भ्रष्टाचार होगा उसका खुलासा भी करेगी.''
यह भी पढ़ें:
ADVERTISEMENT

