Education Minister Madan Dilawar: जयपुर स्थित सरकारी आवास पर उस समय हड़कंप मच गया जब एक सरकारी अध्यापक शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को कथित रूप से रिश्वत देने पहुंचा. मंत्री के अनुसार, ये पहला मामला है जब किसी ने सरकारी मंत्री को उनके आवास पर खुलेआम पैसे देने की कोशिश की गई.
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जानकारी के अनुसार एक युवक सुबह लगभग 8 बजे मंत्री से जनसुनवाई में मिलने पहुंचा था. इस दौरान वो अपने साथ दस्तावेज, एक डिब्बा और एक सील बंद लिफाफा लेकर आया था.
कैसे चला रिश्वत का पता?
बताया जा रहा है कि जब मंत्री मदन दिलावर रामगढ़ जाने की तैयारी कर रहे थे. इस बीच उनके साथ मौजूद फोटोग्राफर की नजर उस लिफाफे पर पड़ी. शक होने पर लिफाफा खोला गया तो उसमें ₹500 के 10 नोट मिले. मंत्री ने तुरंत शिक्षक को बुलवाया और कारण पूछा.
"काम करवाना चाहता हूं''- आरोपी
इस मामले में आरोपी शिक्षक का नाम चंद्रकांत वैष्णव है. वो बांसवाड़ा जिले के घाटोल पंचायत समिति के बूढ़ा गांव स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ता है. शिक्षा मंत्री के अनुसार, शिक्षक चंद्रकांत ने पहले तो कहा कि वो कोई काम करवाना चाहता था, फिर अपनी गलती स्वीकार की. इस दौरान मंत्री ने बिना देर किए उसे पुलिस के हवाले कर दिया. इसके साथ ही विभागीय कार्रवाई में उसे निलंबित कर दिया गया है.
‘पाठ्यक्रम समिति में शामिल होने के लिए दी रिश्वत’
शिक्षक की मंशा पाठ्यक्रम निर्माण समिति में खुद को शामिल करवाने की थी. बताया गया कि उसने पहले भी ऐसी हरकतें की हैं. मंत्री के अनुसार, पूर्ववर्ती सरकार में भी शिक्षा विभाग पर ऐसे ही आरोप लग चुके हैं.
‘मैं ABVP का कार्यकर्ता हूं’
शिक्षक ने खुद को संघ विचारधारा से जुड़ा बताकर मंत्री को प्रभावित करने की भी कोशिश की. लेकिन शिक्षा मंत्री ने साफ किया कि ऐसी बातें केवल सहानुभूति बटोरने के लिए लिखी जाती हैं. मदन दिलावर ने कहा कि शिक्षा जैसे विभाग में भ्रष्टाचार की सोच भी चिंता का विषय है. उन्होंने दोहराया कि इस घटना से सख्त संदेश जाएगा.वहीं, पुलिस जांच से सभी पहलुओं का खुलासा होगा.
आरोपी हिरासत में और जांच जारी
शिक्षक चंद्रकांत वैष्णव को फिलहाल पुलिस हिरासत में रखा गया है. जांच से यह सामने आएगा कि वह किसी के कहने पर आया था या अपनी इच्छा से. मंत्री ने साफ किया कि सरकार ऐसे मामलों पर ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाएगी.
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