गहलोत सरकार की फिर बढ़ी टेंशन, अब राज्यमंत्री वाजिब अली ने दिया इस्तीफे का अल्टीमेटम, जानें वजह!

Rajasthan politicas: राजस्थान में कांग्रेस सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ली रही हैं. अब एक और राज्यमंत्री और विधायक ने बगावत के सुर अपना लिए हैं. दरअसल अपनी मांगों को लेकर सरकार से नाराजगी दिखाते हुए इस्तीफा देने की पेशकश कर दी. बता दें इस बार मोर्चा खोला है कांग्रेस सरकार के […]

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विशाल शर्मा

25 Jan 2023 (अपडेटेड: 25 Jan 2023, 01:32 PM)

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Rajasthan politicas: राजस्थान में कांग्रेस सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ली रही हैं. अब एक और राज्यमंत्री और विधायक ने बगावत के सुर अपना लिए हैं. दरअसल अपनी मांगों को लेकर सरकार से नाराजगी दिखाते हुए इस्तीफा देने की पेशकश कर दी. बता दें इस बार मोर्चा खोला है कांग्रेस सरकार के संकट के समय बसपा से कांग्रेस में शामिल होकर सरकार बचाने में अपनी भूमिका निभाने वाले भरतपुर के नगर से विधायक वाजिब अली ने. बताया जा रहा है कि मदरसा पैराटीचर को नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे नाराज सरकार के राज्यमंत्री और एमएलए वाजिब अली ने विधायक पद से इस्तीफा देने का अल्टीमेटम दे दिया है.

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वाजिब अली ने राजस्थान तक से खास बातचीत में बताया कि अगर कांग्रेस सरकार मदरसा पैराटीचर को नियमित करती है तो ठीक है. अन्यथा 10 फरवरी तक का इंतजार करूंगा. 10 तारीख के बाद अपनी शक्ल विधानसभा में नहीं दिखाऊंगा. हालांकि राजस्थान सरकार की तरफ से पेश हो रहे बजट से उन्हें उम्मीद जरूर है. लेकिन फिर भी अगर मदरसा पैराटीचर के नियमितीकरण तवज्जो नहीं दी जाती तो वो विधायक पद से इस्तीफा दे देगें.

उन्होंने कहा कि उनके पर्सनल काम कभी नहीं अटकते सिर्फ जनता के काम अटक जाते हैं. इस मुद्दे को लेकर भी उनकी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से चर्चा भी हुई है. वो करना भी चाहते है लेकिन फिर भी पता नहीं पेच कहा फंस जाता है. उन्होंने कहा कि सरकार में जहां-जहां कमी रही है उनको लेकर सरकार को अवगत नहीं करवाएंगे तो जनता की आवाज कैसे पहुंचेगी.

इसके आलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच जारी विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि, पार्टी में छोटे मोटे मतभेद हो सकते हैं लेकिन अशोक गहलोत एक अच्छे नेता है और सचिन पायलट भी लोकप्रिय व फायर ब्रांड नेता हैं. यह दोनों बड़े नेता है और इनके पीछे ही कांग्रेस है. भले ही वो अलग-अलग सभाएं करें लेकिन मकसद एक ही जनता की आवाज उठाना है.

बता दें गहलोत सरकार पर इससे पहले भी खुद की सरकार के ही मंत्री, विधायक और नेता बयानबाजी कर रहें हैं. जिनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके गुट के विधायक-मंत्री, हरीश चोधरी के बाद अब गहलोत गुट के ही विधायक वाजिब अली ने खिलाफत का मोर्चा खोल दिया है.

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