Hemaram chaudhary will not contest assembly election: राजस्थान विधानसभा चुनाव (rajasthan election 2023) से पहले कांग्रेस को झटका लगा है. पार्टी से ज्यादा यह झटका पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के लिए भी है. क्योंकि गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी (hemaram chaudhary) ने राजनीति को अलविदा कह दिया है. बीतें कई हफ्तों से उन्हें मनाने की कोशिश की जा रही थी. इसे लेकर पायलट और पार्टी प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा भी जिम्मा संभाल रहे थे.
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इससे पहले बाड़मेर जिले में एक जनसभा में समर्थकों ने भी चौधरी से चुनाव लड़ने की गुजारिश की थी. लेकिन अब उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिख दिया है. जिसमें उन्होंने चुनाव न लड़ने की इच्छा जाहिर की है. साथ ही उन्होंने उम्रदराज और वरिष्ठ नेताओं पर तंज कसते हुए युवाओं को राजनीति में मौका देने की बात भी पत्र में लिखी है.
कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र में लिखा “समाज के पीड़ित और वंचित वर्ग के लोगों के लिए कुछ करने की आशा मुझ में बहुत छोटी उम्र से ही थी. जीवन में यह करने का पहला मौका मुझे वकालत के माध्यम से मिला. जिस दौरान गरीब, किसान और आम आदमी को न्याय दिलाना मेरा मुख्य लक्ष्य था. इस प्रयास को एक बड़े स्तर पर विस्तृत करने का अवसर मुझे कांग्रेस पार्टी ने दिया. उस अवसर और उसके बाद रहे राजनीतिक जीवन के सफर के लिए मैं कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार का आजीवन ऋणी रहूंगा. पार्टी ने मुझे 6 बार विधानसभा के सदस्य के रूप में जनता की सेवा करने का अवसर दिया.”
पायलट के करीबी नेता ने आगे लिखा कि मुझे राज्य सरकार के मंत्रिमंडल का हिस्सा बनकर पूरे प्रदेश की सेवा करने का मौका मिला. जो मेरे जैसे आम कार्यकर्ता के लिए अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत के समय अकल्पनीय था. इस दौरान मैंने पार्टी के अन्य पदों पर रहकर संगठन को सशक्त करने में अपना योगदान दिया है. बीते सालों में जब भी पार्टी को कठिन परिस्थितियों से गुजरना पड़ा, मैं हमेशा संघर्ष में आगे रहा.
‘पार्टी युवाओं को दे मौका’
हेमाराम चौधरी आगे लिखते हैं कि ‘किंतु अब मैं जीवन के ऐसे पड़ाव पर खड़ा हूं, जहां मैं खुद को सक्रिय राजनीतिक जीवन के लिए पूरी तरह से समर्पित करने में असमर्थ हूं. मैंने हमेशा माना है कि जिस तरह पार्टी ने मुझे कम उम्र में बड़ी जिम्मेदारी दी थी. वैसे ही मुझे आगे आने वाली पीढ़ी को मौका देना चाहिए. मेरा अपना मानना है कि प्रत्येक उम्रदराज और वरिष्ठ नेता की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह युवा नेताओं को प्रेरित करें उन्हें राजनीतिक स्थान दे और उन्हें आगे बढ़ने का मौका दें.
इस एहसास के बावजूद मैं चुनाव लड़ना जारी रखता हूं तो यह राजस्थान की जनता और कांग्रेस पार्टी के साथ बहुत बड़ा अन्याय होगा. इसलिए मैं इस पत्र के माध्यम से निवेदन करना चाहता हूं कि आगामी चुनाव में मैं प्रत्याशी के रूप में नहीं बल्कि, एक साधारण कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में ही हिस्सा लूंगा.
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