राजस्थान के धौलपुर जिला अस्पताल में तैनात एक महिला नर्सिंग कर्मी ने अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी (PMO) डॉ. विजय सिंह पर छेड़छाड़ का गंभीर आरोप लगाया है. पीड़िता ने इस मामले की लिखित शिकायत महिला थाने में दर्ज कराई है और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. इसके साथ ही, पीड़िता ने जिला पुलिस अधीक्षक से भी न्याय की गुहार लगाई है.
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क्या है पूरा मामला?
जिला अस्पताल के फीमेल सर्जिकल वार्ड में तैनात एक तलाकशुदा नर्सिंगकर्मी ने अपनी शिकायत में बताया कि 29 अगस्त 2025 को दोपहर करीब साढ़े बारह बजे PMO डॉ. विजय सिंह ने उसे आवश्यक कार्य का हवाला देकर अपने घर पर बुलाया. पीड़िता का आरोप है कि घर पर PMO ने उसके साथ अश्लील हरकतें कीं और जबरन छेड़छाड़ करने की कोशिश की.
शिकायत के अनुसार, जब पीड़िता जोर से चिल्लाई तो पीएमओ ने उसे छोड़ दिया, जिसके बाद वह वहां से भाग निकली. पीड़िता ने यह भी बताया कि जब उसने घटना की जानकारी साथी कर्मचारियों को दी तो पीएमओ ने उस पर दबाव डालना शुरू कर दिया और धमकी भी दी. महिला थाना पुलिस इस पूरे घटनाक्रम की गहनता से जांच कर रही है.
पीएमओ ने बताया 'साजिश'
वहीं आरोपों से घिरे पीएमओ डॉ. विजय सिंह ने खुद पर लगे सभी आरोपों को साजिश का हिस्सा बताया है. उनका कहना है कि कुछ राजनीतिक लोग और पूर्व पीएमओ डॉ. समरवीर सिंह उनकी तरक्की रोकने के लिए महिला को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं.
दूसरी ओर पूर्व पीएमओ डॉ. समरवीर सिंह ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उन्होंने अपनी संलिप्तता से इनकार करते हुए कहा कि वे पिछले माह से धौलपुर में ही नहीं हैं और अपने सेवा कार्य में व्यस्त हैं. उन्होंने यह भी बताया कि डॉ. विजय सिंह ने उनके खिलाफ विभिन्न स्तरों पर 75 शिकायतें कर रखी हैं.
राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई
बता दें कि यह पूरा मामला ऐसे समय में सामने आया है, जब सोमवार को डॉ. विजय सिंह रिटायर हो गए हैं और पिछले कुछ माह से उनके कार्यकाल को दो साल बढ़ाए जाने की चर्चाएं भी चिकित्सा महकमे में चल रही थीं. इस वजह से, जिले में कई लोग इस घटनाक्रम को दोनों डॉक्टरों के बीच चल रही राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई से जोड़कर देख रहे हैं.
गौरतलब है कि पूर्व में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में डॉ. समरवीर सिंह सिकरवार पीएमओ थे लेकिन सत्ता में भाजपा आने के बाद फेरबदल हुआ और डॉ. विजय सिंह को नियुक्त किया गया. इसके बाद दोनों अधिकारियों के बीच पद को लेकर खींचतान चलती रही. छेड़छाड़ के आरोपों के बाद अस्पताल के अन्य डॉक्टरों ने भी पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान को एक शिकायत पत्र सौंपा है, जिसमें निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई है
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