जयपुर पहुंची विशाल कुरान, चार मिलकर पलट पाते हैं पेज, उठाने के लिए पड़ती है 25 लोगों की जरूरत

Jaipur: मुस्लिमों के सबसे पवित्र माह रमजान में दुनिया की सबसे बड़ी कुरान को देख हर कोई हैरान हैं. जयपुर के सांगानेरी प्रिंट से बनी इस ढाई क्विंटल की कुरान की लंबाई करीब 10.5 फीट और चौड़ाई 7.6 फीट है,.

जयपुर पहुंची विशाल कुरान, चार मिलकर पलट पाते हैं पेज, उठाने के लिए पड़ती है 25 लोगों की जरूरत
जयपुर पहुंची विशाल कुरान, चार मिलकर पलट पाते हैं पेज, उठाने के लिए पड़ती है 25 लोगों की जरूरत

विशाल शर्मा

• 01:44 PM • 14 Mar 2024

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Jaipur: मुस्लिमों के सबसे पवित्र माह रमजान में दुनिया की सबसे बड़ी कुरान को देख हर कोई हैरान हैं. जयपुर के सांगानेरी प्रिंट से बनी इस ढाई क्विंटल की कुरान की लंबाई करीब 10.5 फीट और चौड़ाई 7.6 फीट है, जिसे उठाने के लिए 20-25 लोगों की जरूरत पड़ती है. यही नहीं इसके एक पन्ने को पलटने के लिए कम से कम 2 व्यक्ति चाहिए. साथ ही इसको पढ़ने के लिए सीढ़ी की जरूरत पड़ती हैं. 64 पेज की इस कुरान में 32 वर्ग हैं और हर वर्ग की डिजाइन भी अलग व अनूठी है. वही हैंडमेड पेपर से 18 सीट को जोड़कर एक पेज बनाया गया है और हर पेज पर 41 लाइनें लिखी हुई हैं. जिसमें हर लाइन को अलिफ से शुरू किया गया है, जिसे जर्मनी की स्याही से लिखा गया हैं.

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अनोखी कुरान को बनाने वाले मौलाना जमील अहमद ने बताया कि ख्वाजा बाघ सेवा डिस्ट्रिक्ट, चित्तौड़गढ़ के जनाब हाजी मोहम्मद शेर खान साहिब की देखरेख में परिवार के सभी सदस्यों ने मिलकर इसे 2 साल में तैयार किया हैं. इसके हर पृष्ठ पर अलग-अलग फ़ूलों की नकाशी की गई है. कुरान के हाथ से बने पृष्ठ का निर्माण भारत में विशेष देखभाल के साथ किया गया है साथ ही इस्तेमाल की गई स्याही जर्मनी से लाई गई थी. सभी पृष्ठ में 41 पक्तियां है जिसको नस्ख़ शैली में लिखा गया है.

400 वर्षों तक खराब नहीं होंगे पन्ने

कुरान के पृष्ठों की विशेषता यह है कि यह चार सौ वर्षों तक चलता है, यदि इसे उचित ढंग से संरक्षित किया जाए तो यह 1000 वर्षों से भी अधिक समय तक चल सकता है. साथ ही पवित्र कुरान के कवर को फूलों के डिजाइन के साथ-साथ पुस्तक के कोनों पर चार चांदी की कोहनियों से भी सजाया गया है. इसी के साथ कवर पर चांदी से किताब का शीर्षक 'कुरान ए करीम' और पवित्र कुरान के फाइनेंसर अल हज मुहम्मद शेर खान साहब का नाम अंकित है और नक्काशीदार पदार्थ को सोने से रंगा गया है.

जर्मनी की स्याही से लिखी गई है कुरान

मौलाना जमील अहमद ने बताया कि इतनी बड़ी कुरान इसलिए तैयार किया है, ताकि भारत का नाम पूरी दुनियां में रोशन हों. जैसे रामायण, भागवत गीता और पवित्र ग्रन्थ है, इसी तरह कुरान शरीफ  उनका पवित्र ग्रन्थ हैं. ऐसी कुरान को कपड़े, तख्ती, लकड़ी, सोने और चांदी पर छोटे साइज में तो बहुत लिखा गया है, लेकिन वतन की मोहब्बत में यह सबसे बड़ी कुरान हैं. हालांकि इसे वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए अभी अप्लाई नहीं किया है, लेकिन जल्द ही इसके लिए अटेंप्ट किया जाएगा. 

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