माकन के इस्तीफे से आहत दिव्या मदेरणा ने कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को दी सलाह!

Rajasthan News: परसराम मदेरणा की पोती और विधायक दिव्या मदेरणा ने फिर अपने बयानों से सियासत की ज्वाला को बढ़ाने का काम किया है। विधायक दिव्या मदेरणा ने माकन का समर्थन करते हुए गहलोत कैंप को निशाने पर लिया है। दिव्या ने कई ट्वीट करके माकन का समर्थन करते हुए गहलोत गुट पर हमला बोला […]

फोटो: ट्ववीटर से ली गई है.
फोटो: ट्ववीटर से ली गई है.

ललित यादव

18 Nov 2022 (अपडेटेड: 19 Nov 2022, 06:29 AM)

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Rajasthan News: परसराम मदेरणा की पोती और विधायक दिव्या मदेरणा ने फिर अपने बयानों से सियासत की ज्वाला को बढ़ाने का काम किया है। विधायक दिव्या मदेरणा ने माकन का समर्थन करते हुए गहलोत कैंप को निशाने पर लिया है। दिव्या ने कई ट्वीट करके माकन का समर्थन करते हुए गहलोत गुट पर हमला बोला है। दिव्या ने लिखा- ‘खड़गे जी को अजय माकन का इस्तीफा स्वीकार नहीं करना चाहिए, क्योंकि बागी गुट यही चाहता है. बागी गुट ऐसा प्रभारी महासचिव चाहता है जो उनकी ब्लैकमेलिंग के आगे घुटने टेक दे और जो गांधी परिवार के नजदीकी, केवल कांग्रेस के हित में काम करने वाला नहीं हो’.

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दिव्या मदेरणा ने अजय माकन के इस्तीफे को लेकर गहलोत गुट पर सवाल उठाते हुए लिखा, ‘अजय माकन का इस्तीफा देना बहुत दुखद है, लेकिन इस्तीफे तो दूसरी तरफ से होने चाहिए थे. जिन बागियों को अनुशासनहीनता के मामले में नोटिस ​दिए गए थे, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. माकन की जगह इस्तीफे तो नोटिस वाले नेताओं के होने चाहिए. एक स्वाभिमानी व्यक्ति के लिए ऐसे हालात में पद छोड़ने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं बचता ओर माकन ने वही किया’.

आपको बता दें कि इससे पहले भी दिव्या मदेरणा लगातार गहलोत कैंप को निशाने पर लेती रही है. 26 अक्टूबर की शाम 5 बजकर 44 मिनट पर दिव्या मदेरणा ने ट्वीट कर कहा था कि ‘आज के मंच से शांति धारीवाल जी और महेश जोशी जी को स्पष्ट संकेत हैं कि अजय माकन जी पर लगाए गए आरोप झूठे व निराधार हैं और पूरी तरह से खारिज कर दिए गए हैं’.

तो वहीं दूसरी तरफ पायलट समर्थक विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने भी बयान देकर कहा कि सीएम अशोक गहलोत खेमे पर निशाना साधा. उन्होंने राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के राजस्थान में आने से पहले ही विधायक दल की बैठक बुलाकर नए नेता का चयन करने और नोटिस वाले तीनों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है.

साथ ही कहा कि एक साल का राज बचा है, फिर से राज में आना है तो सब जल्दी फैसले करने होंगे. जो कुछ करना है, वह एक साल में ही करना होगा. जिन्हें बदलना है, वह काम राहुल गांधी की यात्रा से पहले ही कर देना चाहिए, जिन्हें चेंज करना है, उन्हें तत्काल कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि- राहुल की यात्रा गेम चेंजर है. तमाम मंत्री, नेताओं की बयानबाज़ी के बाद ये सवाल उठने लगे हैं कि क्या राजस्थान की राजनीति का ऊंट करवट लेने वाला है.

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