राजस्थान में बेरोजगारी का आलम यह है कि चपरासी जैसे फोर्थ ग्रेड के पदों के लिए 25 लाख लोगों ने आवेदन किया है. चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से 85% से ज्यादा उम्मीदवार ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, B.Tech, MSc और PhD जैसे उच्च शिक्षित हैं. दसवीं पास की योग्यता वाले इन पदों के लिए इतनी बड़ी संख्या में पढ़े-लिखे नौजवानों का आवेदन करना बेरोजगारी की गंभीर स्थिति को दर्शाता है.
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आठ साल बाद निकली भर्ती, मची होड़
राजस्थान में फोर्थ ग्रेड के 53,749 पदों के लिए यह भर्ती आठ साल बाद आई है. इसके लिए 24 लाख 75 हजार उम्मीदवारों ने आवेदन किया. इनमें से केवल 10% ही दसवीं पास हैं, जबकि 90% उम्मीदवार ओवरक्वालिफाइड हैं. 19, 20 और 21 सितंबर को होने वाली इस परीक्षा के लिए राज्य के 38 जिलों में 1,286 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. हर पाली में करीब 4 लाख 11 हजार 843 अभ्यर्थी हिस्सा ले रहे हैं.
पेपर लीक ने बढ़ाई मुश्किलें
परीक्षा केंद्रों के बाहर लंबी-लंबी कतारें देखी गईं. जयपुर के गांधी नगर परीक्षा केंद्र पर भीड़ इतनी थी कि उम्मीदवारों को बस स्टैंड पर सीट के लिए जूझना पड़ा. एक उम्मीदवार नरेंद्र बिजाणियां, जो MSc और B.Ed हैं, उन्होंने बताया कि वह पिछले पांच साल से नौकरी की तैयारी कर रहा है. बार-बार पेपर लीक होने की वजह से अच्छी नौकरियों के अवसर कम हो गए हैं. नरेंद्र ने कहा, "उम्र 30 के करीब पहुंच रही है, अब चपरासी की नौकरी के लिए भी तैयार हूं."
टीचर बनने का सपना, अब चपरासी बनने को मजबूर
कई उम्मीदवारों ने अपनी पहचान छिपाने की कोशिश की. उनका कहना था कि गांव और रिश्तेदारों को पता चलेगा कि वे चपरासी की नौकरी के लिए परीक्षा दे रहे हैं, तो लोग मजाक उड़ाएंगे. एक उम्मीदवार ने बताया, "हमने B.Ed और BSTC कर टीचर बनने का सपना देखा था, लेकिन अब उसी स्कूल में घंटी बजाने और पानी पिलाने की नौकरी के लिए तैयार हैं."
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