राजस्थान में IAS-IPS की जोड़ी ने किया बड़ा कमाल, अपनी शादी में दहेज को लेकर चर्चित

Rajasthan: इस अनोखी शादी के नायक हैं IPS राजकुमार मीणा, जो सुरतपुरा के स्टेशन अधीक्षक रामकेश मीणा के बेटे हैं. उनकी जीवनसंगिनी बनीं IAS भारती मीणा, जो भरतपुर जिले के निठार गांव से हैं और सहायक अभियंता प्रकाश चंद मीणा की बेटी हैं. इस शादी में खास बात यह रही कि IPS राजकुमार ने दहेज लेने से साफ इनकार कर दिया.

ips rajkumar meena ias bharti meena marriage

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ललित यादव

22 Feb 2025 (अपडेटेड: 22 Feb 2025, 10:03 AM)

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Rajasthan: आज के दौर में जहां दहेज के नाम पर महिलाओं को सताने, उनके साथ हिंसा करने और यहां तक कि उनकी जान लेने की खबरें आम हो चली हैं, वहीं राजस्थान से एक ऐसी कहानी सामने आई है जो उम्मीद की किरण बनकर उभरी है. यह कहानी है एक IAS और IPS जोड़े की, जिन्होंने अपनी शादी के जरिए दहेज जैसी कुप्रथा को खत्म करने का सशक्त संदेश दिया है. यह प्रेरक घटना दौसा जिले के लालसोट क्षेत्र में सुरतपुरा गांव की है, जहां एक परिवार ने समाज को बदलने की पहल की नींव रखी.

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दहेज को ठुकराकर पेश की मिसाल

इस अनोखी शादी के नायक हैं IPS राजकुमार मीणा, जो सुरतपुरा के स्टेशन अधीक्षक रामकेश मीणा के बेटे हैं. उनकी जीवनसंगिनी बनीं IAS भारती मीणा, जो भरतपुर जिले के निठार गांव से हैं और सहायक अभियंता प्रकाश चंद मीणा की बेटी हैं. इस शादी में खास बात यह रही कि IPS राजकुमार ने दहेज लेने से साफ इनकार कर दिया. दोनों परिवारों ने मिलकर इस फैसले का स्वागत किया और समाज में फैली कुरीतियों को जड़ से उखाड़ने की दिशा में एक ठोस कदम उठाया. शादी के रस्मो-रिवाज के दौरान जब दुल्हन पक्ष की ओर से दहेज देने की बात आई, तो दूल्हे के पिता रामकेश मीणा ने सिर्फ एक रुपये का शगुन और एक नारियल स्वीकार किया. इस छोटे से कदम ने दहेज मुक्त विवाह को बढ़ावा देने का बड़ा संदेश दिया.

चाचा ने खोला फैसले के पीछे का राज

आदिवासी मीणा समाज के जिला उपाध्यक्ष कांजी मीणा, जो IPS राजकुमार के चाचा हैं, उन्होंने इस पहल के पीछे की वजह बताई. उन्होंने बताया, "मेरे भतीजे राजकुमार और उनकी पत्नी भारती, जो IAS हैं, ने अपनी शादी को दहेज मुक्त बनाकर एक नई शुरुआत की है. हमने शगुन के रूप में सिर्फ एक रुपया लिया, ताकि समाज में फैली बुराइयों को खत्म करने का संदेश दिया जा सके."

कांजी मीणा ने बताया कि समाज में अक्सर यह चर्चा होती है कि दहेज प्रथा को खत्म करने की शुरुआत बड़े लोगों से होनी चाहिए. फिर चाहे वह मध्यम वर्ग हो या गरीब, उन पर नियम लागू करने का दबाव बनाया जा सकता है. "राजकुमार और भारती जैसे बड़े अधिकारी यदि एक रुपये में शादी कर सकते हैं, तो यह समाज के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है. अब इस पहल को आगे बढ़ाते हुए दहेज प्रथा को पूरी तरह खत्म करने का समय आ गया है," 

समाज के लिए एक नया संदेश

इस शादी न एक नई सोच और बदलाव की शुरुआत की है. IPS राजकुमार और IAS भारती ने अपने इस कदम से न केवल अपने परिवारों का मान बढ़ाया, बल्कि पूरे समाज को यह दिखाया कि शिक्षा, पद और जिम्मेदारी का असली मतलब दूसरों के लिए प्रेरणा बनना है. 

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