Mayor munesh gurjar again suspended: जयपुर (jaipur news) हेरिटेज की मेयर मुनेश गुर्जर के लिए मुश्किल कम होती नजर नहीं आ रही है. अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ बोलने वाली मेयर जब सस्पेंड हुई तो कोर्ट ने बहाल कर दिया था. लेकिन गहलोत (ashok gehlot) सरकार ने एक बार फिर सस्पेंड कर दिया. भ्रष्टाचार के मामले में मुनेश गुर्जर (Mayor munesh gurjar) की सिर्फ मेयर पद से ही बर्खास्तगी नहीं हुई. बल्कि अब सस्पेंड होने के बाद पार्षद पद भी गंवा गईं.
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गौरतलब है कि एसीबी ने जयपुर नगर निगम हेरिटेज की मेयर मुनेश गुर्जर के घर छापा मारा था. गौरतलब है कि मेयर के पति को ACB ने रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद मेयर को सस्पेंड किया गया था. इस दौरान एसीबी ने मेयर के पति सुशील गुर्जर को 2 लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोच लिया था.
जमीन का पट्टा जारी करने के एवज में मांगी रिश्वत
इसी के साथ दो दलालों को भी गिरफ्तार किया गया था. छापेमारी के दौरान टीम को मेयर के घर से तलाशी में 40 लाख रुपये मिले थे, वहीं दलालों के ठिकाने से 8 लाख रुपये कैश मिला था. लेकिन तब कोर्ट से बहाल हो गईं थीं. इस कार्रवाई को लेकर एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक हेमंत प्रियदर्शी ने कहा था कि एसीबी की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन विंग से शिकायत की गई थी कि जमीन का पट्टा जारी करने के लिए दलाल नारायण सिंह और अनिल दुबे के जरिए सुशील गुर्जर 2 लाख रुपये की रिश्वत ले रहा है.
इसके बाद एसीबी जयपुर के उप महानिरीक्षक रणवीर सिंह के सुपरवीजन में शिकायत की पुष्टि की गई. पुष्टि होने के बाद अतिरिक्त अधीक्षक ललित शर्मा की टीम ने कार्रवाई करते हुए दलाल नारायण सिंह को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया. वहीं मामले में संलिप्तता के आधार पर आरोपी सुशील गुर्जर और अनिल दुबे को भी एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया था. इसी मामले से जुड़े बीते दिनों दो ऑडियो टेप भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. इसमें पट्टा जारी करने के ऐवज में लेन-देन का जिक्र था. हालांकि इस वायरल ऑडियो टेप की पुष्टि नहीं हुई थी, लेकिन नगर निगम हेरिटेज में इस ऑडियो टेप की गूंज जरूर सुनाई देने लगी थी.
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