जयपुर: मानव तस्करी का खुलासा! नौकरी का झांसा देकर युवतियों को भेज रहे थे विदेश

Jaipur News: जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दो नेपाली युवतियों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. इन युवतियों का जयपुर एयरपोर्ट पर ही रेस्क्यू किया गया. इन्हें जबरन दुबई भेजा जा रहा था. पुलिस दोनों युवतियों की काउंसलिंग कर रही है. वहीं पुलिस ने नेपाल एंबेसी को मामले के बारे में खबर दे दी है. मानव […]

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विशाल शर्मा

12 Dec 2022 (अपडेटेड: 12 Dec 2022, 08:58 AM)

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Jaipur News: जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दो नेपाली युवतियों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. इन युवतियों का जयपुर एयरपोर्ट पर ही रेस्क्यू किया गया. इन्हें जबरन दुबई भेजा जा रहा था. पुलिस दोनों युवतियों की काउंसलिंग कर रही है. वहीं पुलिस ने नेपाल एंबेसी को मामले के बारे में खबर दे दी है.

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मानव तस्करी को लेकर काम कर रहे मिशन मुक्ति फाउंडेशन को जानकारी मिली कि दोनों युवतियां नेपाल में रहने वाली एक महिला के संपर्क में आईं थीं. दोनों ने उस महिला से नौकरी मांगी. इसके बाद महिला तस्कर ने दोनों युवतियों को दिल्ली भेज दिया. जहां से उन्हें दुबई भेजा जाना था, लेकिन दिल्ली एयरपोर्ट पर सख्ती होने के कारण इन्हें जयपुर लाया गया था.

होटल में पहले से थीं 12 लड़कियां
जयपुर में जिस होटल में उन्हें रखा गया वहां पहले से 12 लड़कियां मौजूद थीं. इसके बाद दोनों युवतियों ने मांजरे को भांपते हुए होटल के वाईफाई से व्हाट्सएप कॉल कर इसकी जानकारी अपने भाई के साथ साझा की. भाई ने एसएसबी में कार्यरत इंस्पेक्टर मनोज गुप्ता को सूचना दी. जिसके बाद एसएसबी इंस्पेक्टर ने मिशन मुक्ति फाउंडेशन को जानकारी देकर नेपाल एंबेसी, इमिग्रेशन टीम और जयपुर पुलिस की मदद से स्पेशल ऑपरेशन चलाया.

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दलाल को खोजने में जुटी पुलिस
जयपुर ईस्ट डीसीपी राजीव पचार के निर्देशन में जयपुर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर रविवार सुबह 4 बजे दोनों नेपाली युवतियों को रेस्क्यू किया गया. अब सरगना के बारे में जयपुर पुलिस नेपाल में जानकारी जुटा रही है. मिशन मुक्ति फाउंडेशन के वीरेंद्र सिंह ने बताया कि एनजीओ और पुलिस की मुस्तैदी से लड़कियों की तस्करी होने से बच गई. दोनों युवतियां जिनकी उम्र 24 और 34 साल है इनको हिंदी नहीं आती और न ही उनके पास दिल्ली-जयपुर में किसी जानकार के नंबर हैं. हालांकि लड़कियों की सजगता के चलते इन्हें सकुशल रेस्क्यू कर लिया गया. जयपुर एयरपोर्ट पर रेस्क्यू करने के बाद दोनों की इमिग्रेशन टीम, जयपुर पुलिस, नेपाल एंबेसी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए काउंसलिंग की, तब जाकर पूरे मामले का भंडाफोड़ हुआ.

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