Jaipur Maharani College: जयपुर के प्रतिष्ठित महारानी कॉलेज में तीन रहस्यमयी दरगाहों की मौजूदगी से नया विवाद खड़ा हो गया है. कॉलेज परिसर के भीतर, पंप हाउस और पानी की टंकी के पास बनी इन दरगाहों को लेकर विभिन्न संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. सवाल यह उठ रहे हैं कि जब कॉलेज परिसर में चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, तो फिर ये निर्माण कैसे हो गए और प्रशासन को इसकी भनक तक क्यों नहीं लगी?
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"कब्जे की साजिश": विरासत बचाओ समिति का आरोप
धरोहर बचाओ संरक्षण समिति के अध्यक्ष भरत शर्मा ने कॉलेज पहुंचकर इन दरगाहों का मुआयना किया. उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह कॉलेज की जमीन पर कब्जा करने की एक सोची-समझी साजिश है. शर्मा ने जोर देकर कहा कि किसी भी शैक्षणिक संस्थान में किसी भी तरह का धार्मिक निर्माण स्वीकार नहीं किया जा सकता, खासकर तब जब वह अवैध रूप से किया गया हो. उन्होंने इस घटना को "जिहाद और जमीन हथियाने की साजिश" का हिस्सा बताया है.
निर्माण की तिथि अज्ञात, प्रशासन पर चुप्पी का आरोप
कॉलेज परिसर की ऊंची दीवारों के अंदर बनी इन दरगाहों के निर्माण की तारीख अभी तक रहस्य बनी हुई है. इस मामले में कॉलेज प्रशासन की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है, जिससे प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. कॉलेज की प्रिंसिपल अल्पना कटेजा और अन्य अधिकारियों पर प्रशासन की चुप्पी साधने का आरोप लग रहा है.
पूर्व छात्राओं का विरोध और आंदोलन की चेतावनी
धरोहर बचाओ समिति ने राज्य सरकार से इस मामले की तत्काल और उच्च-स्तरीय जांच की मांग की है. समिति ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही इन दरगाहों को नहीं हटाया गया तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे.
छात्राओं की सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने कॉलेज हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. छात्रों और उनके अभिभावकों का कहना है कि अगर कॉलेज परिसर के अंदर ही ऐसे अवैध निर्माण हो सकते हैं, तो छात्राओं की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी? यह विवाद शहर के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में से एक की छवि से जुड़ा है. स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस मामले का जल्द से जल्द समाधान निकाला जाना चाहिए, ताकि कॉलेज की गरिमा और सुरक्षा बनी रहे.
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