Jaisalmer: टोल टैक्स से बचने के लिए युवक बन गया फर्जी 'RAS' अधिकारी, पुलिस के जाल में यूं फंसा

Jaisalmer Fake RAS: राजस्थान के जैसलमेर में पुलिस ने एक फर्जी आरएएस अधिकारी को गिरफ्तार किया है, जो टोल टैक्स बचाने और वीआईपी ट्रीटमेंट का मजा लेने के लिए लाल-नीली बत्ती लगी इनोवा कार में घूम रहा था.

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News Tak Desk

08 Jan 2025 (अपडेटेड: 08 Jan 2025, 04:04 PM)

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Jaisalmer News: राजस्थान के जैसलमेर में पुलिस ने एक फर्जी आरएएस अधिकारी को गिरफ्तार किया है, जो टोल टैक्स बचाने और वीआईपी ट्रीटमेंट का मजा लेने के लिए लाल-नीली बत्ती लगी इनोवा कार में घूम रहा था. आरोपी ने खुद को सचिवालय का अधिकारी साबित करने के लिए फर्जी पहचान पत्र और सचिवालय के नाम का झूठा रौब दिखाया.

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लाल-नीली बत्ती लगी गाड़ी से करता था राज्यभर में सफर

जैसलमेर पुलिस के मुताबिक, आरोपी का नाम हरजीत सिंह (32) है, जो अजमेर के फायसागर इलाके का रहने वाला है. उसने अपनी गाड़ी पर ‘स्टेट मोटर विभाग, राजस्थान सरकार’ लिखा हुआ था और ऊपर लाल-नीली एलईडी लाइट लगाई हुई थी. इसका इस्तेमाल वह टोल टैक्स बचाने और होटलों व पर्यटक स्थलों पर वीआईपी सुविधा पाने के लिए करता था.

गश्त के दौरान पुलिस को हुआ शक

मंगलवार रात जैसलमेर के कोतवाली थाना प्रभारी सवाई सिंह अपनी टीम के साथ गश्त कर रहे थे. इसी दौरान सोनार किले के पास पार्किंग में खड़ी सिल्वर रंग की इनोवा कार दिखाई दी. गाड़ी पर लगी लाल-नीली बत्ती और सरकारी पहचान के निशान ने पुलिस का ध्यान खींचा. पुलिस ने तुरंत गाड़ी के अंदर बैठे व्यक्ति से पूछताछ शुरू की. 

पूछताछ में फर्जी आरएएस अधिकारी का पर्दाफाश

पहले तो आरोपी हरजीत सिंह ने खुद को राजस्थान सचिवालय का आरएएस अधिकारी बताया और फर्जी पहचान पत्र दिखाने की कोशिश की. लेकिन जब पुलिस ने सख्ती से सवाल किए, तो वह घबरा गया और सच सामने आ गया. उसने कबूल किया कि वह फर्जी आरएएस अधिकारी बनकर वीआईपी सुविधाओं का फायदा उठा रहा था.

गाड़ी और फर्जी आईडी जब्त

पुलिस ने आरोपी की गाड़ी और फर्जी आईडी कार्ड को जब्त कर लिया है. उसने स्वीकार किया कि यह सब उसने केवल टोल टैक्स बचाने और वीआईपी ट्रीटमेंट पाने के लिए किया था. 

एसपी ने की जांच तेज करने की बात

जैसलमेर के एसपी सुधीर चौधरी ने बताया कि आरोपी को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया है. पुलिस अब यह जांच कर रही है कि इस धोखाधड़ी में और कौन-कौन लोग शामिल हो सकते हैं. साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि उसने इस तरीके से कितनी बार लाभ उठाया है. 

एसपी ने यह भी बताया कि जिले में फर्जी वीआईपी गाड़ियों की पहचान और अवांछित गतिविधियों को रोकने के लिए सतर्कता बढ़ा दी गई है. सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वीआईपी गाड़ियों की सघन जांच की जाए ताकि ऐसे मामलों पर तुरंत कार्रवाई हो सके.

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