जोधपुर के प्रतिष्ठित एमबीएम इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय (MBM University) की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन की भारी लापरवाही के चलते बी.ई. सेकंड सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम में ऐसी बड़ी चूक सामने आई, जिसने सबको हैरान कर दिया.
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100 में से 120 अंक मिले
दरअसल, विश्वविद्यालय ने कुछ छात्रों की मार्कशीट में 100 अंकों के पेपर में 116 और यहां तक कि 120 अंक तक दे दिए. जब यह 'असंभव' परिणाम विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जारी हुआ, तो छात्र अचंभित रह गए. छात्रों द्वारा इसकी सूचना मिलते ही विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप मच गया और बिना किसी आधिकारिक स्पष्टीकरण के तुरंत वेबसाइट से परिणाम हटा लिया गया.
क्या थी गड़बड़ी?
जानकारी के अनुसार, यह गलती "ग्रेड शीट" तैयार करने के दौरान हुई. इंटरनल (आंतरिक) और नॉन-इंटरनल (बाह्य) अंकों को गलत तरीके से सॉफ्टवेयर में फीड कर दिया गया. हैरानी की बात यह है कि इस गंभीर त्रुटि की किसी ने भी जांच नहीं की और बिना सत्यापन के ही परिणाम सार्वजनिक कर दिया गया. छात्रों ने इस गलती को पकड़ा और प्रशासन को सूचित किया. इसके बाद विश्वविद्यालय ने परिणाम हटाने में जल्दबाजी दिखाई, लेकिन कोई आधिकारिक बयान या नोटिस जारी नहीं किया गया. छात्रों का आरोप है कि प्रशासन गलती स्वीकार करने के बजाय मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है.
छात्रों में आक्रोश
छात्रों ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन गलती स्वीकार करने के बजाय मामले को दबाने में लगा रहा. परिणाम हटाने के बाद न तो कोई आधिकारिक नोटिस जारी किया गया और न ही छात्रों को यह बताया गया कि सही मार्कशीट कब तक मिलेगी.
इस लापरवाही के विरोध में एनएसयूआई (NSUI) ने जोरदार प्रदर्शन किया. एनएसयूआई जोधपुर के जिला अध्यक्ष डॉ. बबलू सोलंकी के नेतृत्व में कुलपति प्रो. अजय शर्मा को ज्ञापन सौंपा गया. एनएसयूआई ने मांग की है कि रिजल्ट में गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार कार्मिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. डॉ. सोलंकी ने सवाल उठाया कि बिना क्रॉस-चेक किए रिजल्ट वेबसाइट पर कैसे जारी हो गया. कुलपति ने तीन दिन में जिम्मेदारों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
राज्य सरकार ने मांगी रिपोर्ट
मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने विश्वविद्यालय प्रशासन से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. इसके बाद ही एमबीएम प्रशासन ने वेबसाइट से रिजल्ट हटा दिया.
विश्वविद्यालय ने दी ये सफाई
एमबीएम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजय शर्मा ने इस त्रुटि पर अपनी सफाई दी है. उन्होंने कहा कि "त्रुटिवश इंटरनल नंबर 15-20 मिनट के लिए अपलोड हो गए थे. यह एजेंसी द्वारा टेस्टिंग करते वक्त वेबसाइट पर अपलोड हो गया था, जिसे तुरंत हटा लिया गया." कुलपति ने कहा कि इसके बाद एक नोटिस जारी कर छात्रों से इसे 'रिजल्ट न समझने' को कहा गया था. उन्होंने बताया कि रिजल्ट का काम करने वाली एजेंसी को नोटिस दिया गया है और राज्य सरकार द्वारा माँगी गई रिपोर्ट रजिस्ट्रार के माध्यम से भेज दी गई है.
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