सरकारी नौकरी की बजाय राजनीति में क्यों आ गए? राज्यमंत्री बनने के बाद केके बिश्नोई ने बताई ये बात

Minister KK Bishnoi: राजस्थान सरकार में राज्यमंत्री और बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी से विधायक केके विश्नोई (Minister KK Bishnoi) बाड़मेर पहुंचे. इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं समेत उनके समर्थकों ने उनका जगह -जगह स्वागत हुआ. उन्होंने कहा कि गुड़ामालानी में पानी सबसे बड़ी समस्या है. चाहे हर घर को नल से जोड़ने की बात हो या […]

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दिनेश बोहरा

• 03:14 PM • 11 Jan 2024

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Minister KK Bishnoi: राजस्थान सरकार में राज्यमंत्री और बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी से विधायक केके विश्नोई (Minister KK Bishnoi) बाड़मेर पहुंचे. इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं समेत उनके समर्थकों ने उनका जगह -जगह स्वागत हुआ. उन्होंने कहा कि गुड़ामालानी में पानी सबसे बड़ी समस्या है. चाहे हर घर को नल से जोड़ने की बात हो या बिजली की समस्या हो या फिर शिक्षण व्यवस्था. इस सभी मुद्दों पर काम किया जाएगा.

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राजस्थान तक से खास बातचीत में बताया है कि वो सरकारी नौकरी में जाने की बजाय बिजनेस करना चाहते थे. इसलिए 12वीं ना पढ़कर व्यापार में ध्यान दिया और फिर व्यापार के साथ ग्रेजुएट किया. केके विश्नोई ने कहा कि परिवार में अधिकतर लोग नौकरी में थे. अगर 12वीं पढ़ लेता तो मुझे इंजीनियरिंग के लिए भेज दिया जाता.

ऐसे आए राजनीति में

पहले उन्होंने व्यापार का रास्ता चुना और जब नौकरी के बाद पिताजी (वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे लाधूराम विश्नोई) को जनता राजनीति में ले आए. उसके बाद से राजनीति में आने और समाजसेवा करने का निर्णय लिया था. वहीं, विकसित भारत संकल्प यात्रा पर बोलते हुए मंत्री केके विश्नोई ने कहा “2047 तक भारत को विकसित देश बनाना है, ये सपना है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी का.” विश्नोई ने कहा कि देश ही नहीं विदेश तक हिंदुस्तान को लेकर संदेश है. सीमाओं की सुरक्षा से लेकर चंद्रयान, पीएम आवास, हर घर बिजली, हर घर पानी, कौशल विकास, खेलो इंडिया खेलो, हर जिला मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज, स्कूलें और नई शिक्षा नीति तक बड़े-बड़े नवाचार स्थापित हुए हैं.

“22 जनवरी अति उत्साह का विषय”

राज्यमंत्री ने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला विराजित होंगे. यह प्रत्येक भारतीय, नागरिक और भगवान राम में आस्था रखने वालों के लिए अति उत्साह का विषय है. जैसे ही राम मंदिर निर्माण का विषय आया तो लोगों ने अपनी आस्था दिखाते हुए हर एक ईंट और सहयोग राशि देकर अपनी आस्था दिखाई. अब लोग रामलला के दर्शनों को आतुर है और आने वाले 2-3 महीनों तक लोग रामलला के दर्शन कर पाएंगे.

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