कोटा में चमत्कारी मंदिर, IIT और NEET में सेलेक्ट होने के लिए मंदिर में विश मांगते हैं हजारों छात्र

Kota: कोचिंग नगरी के नाम से मशहूर कोटा में देशभर से लाखों बच्चे हर साल आईआईटी और नीट की कोचिंग करने आते हैं. यहां हर गली में पढ़ने वाले बच्चे दिखाई देते हैं. लेकिन कोटा में बड़ी तादाद में ऐसे छात्र भी हैं जो मानते हैं कि मंदिर की दीवार पर मनोकामनाएं लिखने से उन्हें […]

कोटा में चमत्कारी मंदिर, IIT और NEET में सेलेक्ट होने के लिए मंदिर में विश मांगते हैं हजारों छात्र
कोटा में चमत्कारी मंदिर, IIT और NEET में सेलेक्ट होने के लिए मंदिर में विश मांगते हैं हजारों छात्र

चेतन गुर्जर

• 03:35 AM • 20 May 2023

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Kota: कोचिंग नगरी के नाम से मशहूर कोटा में देशभर से लाखों बच्चे हर साल आईआईटी और नीट की कोचिंग करने आते हैं. यहां हर गली में पढ़ने वाले बच्चे दिखाई देते हैं. लेकिन कोटा में बड़ी तादाद में ऐसे छात्र भी हैं जो मानते हैं कि मंदिर की दीवार पर मनोकामनाएं लिखने से उन्हें सफलता मिलती है.

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दसअसल, कोटा में एक राधा कृष्ण मंदिर है, जहां बड़ी संख्या में छात्र रोज पूजा करने जाते हैं और मंदिर की दीवार पर अपनी मन्नत या मनोकामनाएं लिखते हैं. शहर के तलवंडी में स्थित राधाकृष्ण मंदिर से कोचिंग स्टूडेंट्स की आस्था जुड़ी हुई है. मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से छात्रों की मनोकामनाएं पूरी होती है.

दीवार पर लिखते हैं अपनी विश

कोचिंग छात्र यहां मंदिर की दीवार पर अपनी मनोकामनाएं विश लिखकर जाते हैं. मनोकामना पूरी होने पर ठाकुर जी को भेंट चढ़ाते हैं. अटूट आस्था के चलते मंदिर की दीवार को ‘मन्नत की दीवार’ भी कहा जाता है. छात्र अपनी अलग-अलग तरीके से मनोकामनाएं लिखते हैं.

एक छात्र ने लिखा- मैं पीएम बन जाऊं

कई छात्र लिखते हैं मेरा जेईई मेंस मैं बढ़िया रिजल्ट मिले. कई छात्र अपने माता-पिता को लेकर लिखते हैं तो कई यहां तक भी लिख देते हैं कि मैं प्रधानमंत्री बन जाऊं और कई अपने प्रेम को लेकर भी लिखते हैं कि मुझे मेरी प्रेमिका मिल जाए पर पूरे मंदिर की दीवार पर छात्रों की मनोकामनाएं से दीवार पूरी तरह रंग-बिरंगी है.

पुजारी ने कहा- विश पूरी होने पर मुझे बताते हैं छात्र

कोटा में पूरे देश से दूरदराज से आए छात्र छात्राएं अपनी मनोकामनाएं मंदिर की दीवार पर लिख भगवान से प्रार्थना करते हैं कि हमारी मनोकामनाएं पूरी हो और मंदिर के पुजारी का कहना है कि 80 परसेंट छात्रों की मनोकामनाएं पूरी भी होती है और बाद में छात्र यहां आते भी हैं और हमें बताते भी हैं.

हर साल दीपावली पर दीवारें होती हैं साफ

मंदिर के पुजारी हुकम चंद का कहना है 26 साल पुराना यह मंदिर है. मंदिर जब से बना है उसके 2 साल बाद से ही बच्चे मंदिर की दीवार पर अपनी मनोकामनाएं लिखते हैं. हम हर साल दीपावली पर दीवारें साफ करवा देते हैं फिर से बच्चे लिखते हैं अपनी मनोकामनाएं और यहां जो बच्चे अपनी मनोकामनाएं लिख कर जाते हैं, लगभग 80 परसेंट उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

कनिस ने बताई अपनी विश

बिहार से आकर कोटा में JEE mains 2024 की पढ़ाई कर रहे छात्र कनिस ने बताया, ‘मैंने भगवान से इस दीवार पर लिखकर जेईई मेंस 2024 में अच्छी रैंक और अपना ड्रीम कॉलेज मांगा है’. कनिस ने बताया कि कोटा आने के बाद मेरे एक फ्रेंड ने मुझे बताया कि यहां एक मंदिर है, उसके पीछे एक दीवार है दीवार पर लिखने से मनोकामनाएं पूरी होती है तो आज मैं अपने दोस्त के साथ इधर आया था और अपनी मनोकामनाएं लिखी.

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