नागौर: मकराना के 86 वर्षीय पूर्व BJP विधायक को 20 साल पुराने रेप मामले में 10 साल की सजा

Nagaur News: नागौर जिले के मकाराना से बीजेपी विधायक रह चुके 86 साल के भंवरलाल राजपुरोहित को 20 साल पुराने रेप केस में अदालत ने दोषी पाया है. मंगलवार को एडीजे कोर्ट ने दोषी भंवरलाल राजपुरोहित को 10 साल की कठोर कारावास और 1 लाख रुपए के अर्थदंड की सजा दी है. अर्थदंड का ये […]

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राजस्थान तक

• 04:28 AM • 22 Feb 2023

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Nagaur News: नागौर जिले के मकाराना से बीजेपी विधायक रह चुके 86 साल के भंवरलाल राजपुरोहित को 20 साल पुराने रेप केस में अदालत ने दोषी पाया है. मंगलवार को एडीजे कोर्ट ने दोषी भंवरलाल राजपुरोहित को 10 साल की कठोर कारावास और 1 लाख रुपए के अर्थदंड की सजा दी है. अर्थदंड का ये पैसा पीड़िता को क्षतिपूर्ति के रूप में दिया जाएगा.

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अदालत में पेश होने के लिए आरोपी पूर्व विधायक ह्वील चेयर पर आया. अदालत ने पूर्व बीजेपी विधायक को मामले में दोषी पाया. केस दर्ज होने के बाद आरोपी बना था विधायक. जैसे ही मकराना के एडीजे कोर्ट ने सजा सुनाई, मौके पर खड़ी पुलिस ने पूर्व विधायक को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपी पूर्व विधायक का मेडिकल कराकर परबतसर जेल में भेज दिया. जब कोर्ट सजा सुनाई तो मकराना ही नहीं पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया.

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ये है दुष्कर्म का पूरा मामला
मकराना थाना इलाके के मनाना गांव निवासी 22 वर्षीय एक महिला ने मकराना थाने में 1 मई 2002 को रेप का मामला दर्ज करवाया था. रिपोर्ट में महिला ने बताया कि 29 अप्रैल 2002 को वह दोपहर करीब 3 बजे भंवरलाल राजपुरोहित के कुएं पर गई थी. उस दिन भंवरलाल राजपुरोहित की पत्नी उसके घर पर नहीं थी.

इस बात का झांसा देकर कमरे में बुलाया
जब वह कुएं पर पहुंची तो भंवरलाल ने उसे कमरे के अंदर बुला लिया. महिला को आरोपी भंवरलाल ने कहा कि मैं आपके पति जो मुंबई में काम करते हैं उनसे बात करवा देता हूं. वह अंदर कमरे में गई तो उसके साथ उन्होंने दुष्कर्म किया. उसके बाद महिला ने अपने पिता के साथ मिलकर मकराना कोर्ट में रिर्पोट दी. मकराना थाना पुलिस ने कोर्ट की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया. पुलिस ने जांच के बाद आरोपी भंवर लाल राजपुरोहित के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश कर दिया.

दुष्कर्म के बाद महिला हुई गर्भवती
महिला ने रिपोर्ट में बताया कि भंवरलाल राजपुरोहित के दुष्कर्म करने के बाद वो गर्भवती हो गई. समाज के लोक-लाज के चलते उसने अबॉर्शन करवाया. पूरे मामले को पुलिस ने पहले तो सामान्य ही लिया, लेकिन बाद में इस मामले को लेकर मकराना की राजनीति गरमा गई. ये केस अपर सेशन न्यायालय मकराना में चल रहा था. पूरे मामले में सात गवाहों के बयान दर्ज हुए. मामले की पीड़िता महिला की ओर से लोक अभियोजक राम मनोहर डूडी ने पैरवी की. सुनवाई के बाद एडीजे कुमकुम ने आरोपी विधायक को दोषी माना.

डेढ़ साल बाद बना विधायक तो पुलिस ने बंद की फाइल
भंवर लाल राजपुरोहित के खिलाफ दुष्कर्म का मामला मई 2002 में दर्ज हुआ था. उस वक्त आरोपी भंवरलाल राजपुरोहित किसी पद पर नहीं था. हालांकि इससे पहले भंवर लाल राजपुरोहित प्रधान पद पर रह चुका था. मामला दर्ज होने के करीब डेढ़ साल बाद अक्टूबर 2023 में राजस्थान में विधानसभा चुनाव हुए और वो बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता भी. इसके बाद भंवरलाल का मामला ठंडे बस्ते में चला गया. पुलिस ने मामले की फाइल ही बंद कर दी. जब ये मामला अदालत के संज्ञान में आया तो जांच के आदेश दिए गए. ध्यान देने वाली बात है कि दुष्कर्म का दोषी भंवरलाल मकराना पंचायत समिति में चार बार प्रधान रह चुका है.

दोबारा शुरू हुई जांच
21 फरवरी 2006 को अदालत ने मामले पर संज्ञान लिया और वापस जांच के आदेश दिए. इसके बाद मामला मकराना की कोर्ट में चला. सुनवाई के दौरान पीड़िता, उसके माता-पिता, दो डॉक्टर और एक जांच अधिकारी सहित अन्य के बयान दर्ज हुए. जिसके चलते मकराना के एडीजे कोर्ट ने भंवर लाल राजपुरोहित को दोषी माना.

कंटेंट: हनीफ खान, राजस्थान तक

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