Nagaur: महिला ने एक साथ 3 बच्चों को दिया जन्म, 50 मिनट तक चला ऑपरेशन, डॉक्टर बोले- 'हैरान हैं'

नागौर में एक महिला ने एक साथ 3 बच्चों को जन्म दिया है जिसे देखकर डॉक्टर भी हैरान रह गए.

NewsTak

Kesh Ram

10 Jun 2024 (अपडेटेड: 10 Jun 2024, 05:36 PM)

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नागौर (Nagaur News) की एक महिला ने मकराना शहर के सीबीएम हॉस्पिटल (CBM Hospital) में एक साथ 3 बच्चों को जन्म दिया है. डॉक्टर इसे दुर्लभ मामला बता रहे हैं वहीं परिजनों में बेहद खुशी का माहौल है. जब महिला ने तीनों बच्चों को एक साथ जन्म दिया तो कुदरत का यह करिश्मा देखकर हर कोई हैरान रह गया. एक साथ तीन बच्चों की डिलीवरी (child birth) होते देख स्वास्थ कर्मी भी हैरत में पड़ गए.

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दरअसल, मकराना निवासी महिला खुदीजा बानो पत्नी आसिफ ने एक साथ 3 बच्चों को जन्म दिया है. शिशु रोग चिकित्सक विकास मीणा और गायनिक सर्जन डॉक्टर शिवाजी रामराव डोपटे के मुताबिक, तीनों बच्चे और उनकी मां पूरी तरह से स्वस्थ हैं. महिला का ऑपरेशन के बाद महिला का प्रसव हुआ है. उन्होंने बताया कि एक साथ जन्म के कारण बच्चों का वजन कम है. बच्चों को अस्पताल के चाइल्ड केयर में रखा गया है.

50 मिनट तक चला ऑपरेशन

सीबीएम अस्पताल मकराना के शिशु रोग चिकित्सक विकास मीणा ने बताया कि इस डिलीवरी में नियमित रूप से 9 महीने तक पूरा ध्यान रखा गया. 40 से 50 मिनट तक आपरेशन चला और 7 मिनट में तीन बच्चों को महिला ने जन्म दिया. महिला की पहली सोनोग्राफी से ही पता चल गया था की महिला के गर्भ में तीन भ्रूण हैं.

डॉक्टर बोले- मैं हैरान हूं

डॉ. विकास मीणा ने बताया कि यह डिलीवरी मेरे लिए भी हैरान करने वाली है. जब 3 भ्रूणों को पता चला तो महिला के परिजन और डॉक्टर्स इस बात से घबराए हुए थे की आखिर गर्भ में तीन बच्चों को 9 महीने तक किस तरीके से स्वस्थ रखा जाए. लेकिन जब हमने ट्रीटमेंट किया तो सोनोग्राफी में बच्चों के बढ़ने और उनके स्वस्थ होने की जानकारी मिलती रही. प्रसव के बाद मां और बच्चे के स्वस्थ होने पर परिजनों ने मिठाई वितरण कर खुशी जाहिर की.

जोधपुर की महिला ने 4 बच्चों को दिया था जन्म

जोधपुर में मई महीने में एक 28 साल की महिला ने 4 बच्चों को जन्म दिया था. सभी बच्चे सिजेरियन से जन्मे थे. डॉक्टरों की टीम ने विशेष निगरानी में ये डिलीवरी कराई. डिलीवरी से 3 महीने पहले महिला को भर्ती कर हर रोज डॉक्टर उसकी देखभाल कर रहे थे. जब महिला को प्रसव पीड़ा होने पर सिजेरियन करने का निर्णय लिया गया. गायनी, एनेस्थीसिया के अलावा पीडियाट्रिक विभाग के डॉक्टर भी ऑपरेशन थिएटर में मौजूद रहे.

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