Naresh arora vs Govind singh dotasra: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ashok gehlot) के मीडिया कैम्पेनर नरेश अरोड़ा और राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के (Govind singh dotasra) बीच विवाद की खबरों के बाद अब इसमें अरोड़ा का भी पक्ष आ गया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मीडिया के कुछ वर्ग मेरे और माननीय आरपीसीसी प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा के बीच एक बैठक की काल्पनिक कहानियां बना रहे हैं. मेरे मन में उनके और राहुल गांधी के प्रति अत्यंत सम्मान है. आगे उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेस के अभियान को विफल करने की कोशिश करने वाले निहित स्वार्थ सफल नहीं होंगे – राजस्थान में कांग्रेस की जीत एक पूर्व निष्कर्ष है.
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क्या है पूरा मामला?
दरअसल, राजस्थान में कांग्रेस सरकार के प्रचार-प्रसार का काम डिजाइन बॉक्स एजेंसी देख रही है. जिसके बाद खबरें आई कि एक बंद कमरे में एजेंसी के फाउंडर नरेश अरोड़ा और डोटासरा के बीच खूब तनातनी हुई है. जिसके बाद पार्टी और पीआर एजेंसी के बीच मनमुटाव की खबरों ने जन्म ले लिया.
एक खबर के मुताबिक 23 सितंबर को राहुल गांधी की सभा से एक दिन पहले की यह घटना है. जहां प्रदेश प्रभारी की मौजूदगी में डिजाइन बॉक्स एजेंसी के फाउंडर नरेश अरोड़ा और डोटासरा के बीच आगामी चुनाव में कैम्पेन और नारों के स्लोगन को लेकर जमकर विवाद हुआ था.
डोटासरा बोले- ‘गलतफहमी निकाल दीजिए..’
इसको लेकर मीडिया से बातचीत के दौरान डोटासरा ने कहा कि यह गलतफहमी निकाल दीजिए की कोई माई का लाल राहुल गांधी के खिलाफ गलत नहीं बोल सकता और ना ही किसी ने बोला है. उन्होंने कहा कि संगठन और सरकार को जिन लोगों की सेवाओं की जरूरत होती है, वो लेते रहते है और आगे भी लेते रहेंगे. हमारा किसी से कोई विवाद नहीं है, यह सब कोरी अफवाह है.
पीसीसी चीफ का कहना है कि मैंने किसी को कोई इंटरव्यू नहीं दिया. जो सामान्य चर्चा होती है, वो उन्हीं से हुई है. हमारा किसी कंपनी और वेंडर से कोई विवाद नहीं है. हम रोजाना चर्चा करते है और आइडिया लेते है. उसमें जो पसंद आता है उसे लागू कर देते है और नहीं आता तो दूसरे से लें लेते है, इस पर कोई विवाद नहीं है.
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