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Rajasthan: देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान उपखंड अधिकारी (SDM) को थप्पड़ मारने के आरोपी निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को आखिरकार जमानत मिल गई है. राजस्थान हाईकोर्ट ने शुक्रवार सुबह मीणा की जमानत याचिका स्वीकार कर ली, जिसके बाद अब उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है. हालांकि, सोमवार को उनका बाहर आना मुश्किल माना जा रहा है.
क्या है पूरा मामला?
यह घटना 13 नवंबर 2024 को देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के मतदान के दिन हुई थी. टोंक के समरावता गांव के लोग अपने गांव को उनियारा उपखंड में शामिल करने की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार कर रहे थे. इसी बीच, निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा भी ग्रामीणों के साथ इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए.
आरोप है कि कुछ लोगों को जबरन वोट डलवाने की बात पर मीणा ने SDM अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया. इसके बाद उन्होंने वापस धरने पर बैठ गए. घटना के बाद, समरावता सहित कई इलाकों में तोड़फोड़ और आगजनी हुई.
दो बार खारिज हुई थी जमानत
मीणा के वकील फतेहराम मीणा के मुताबिक, इसी मामले में नरेश मीणा की दो जमानत याचिकाएं हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी थीं. हाईकोर्ट ने 14 फरवरी और 30 मई को उनकी याचिकाएं खारिज कर दी थीं. लेकिन शुक्रवार को जस्टिस प्रवीर भटनागर की अदालत ने उनकी तीसरी याचिका को स्वीकार करते हुए जमानत दे दी.
गिरफ्तारी और उसके बाद की घटनाएँ
उपचुनाव के दौरान 13 नवंबर की रात, पुलिस ने नरेश मीणा को हिरासत में लिया था, लेकिन उनके समर्थकों ने पुलिस से उन्हें छुड़ा लिया. इसके बाद हुए पथराव और आगजनी में पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. अगले दिन, 14 नवंबर को पुलिस ने नरेश मीणा को दोबारा गिरफ्तार किया और 15 नवंबर को कोर्ट के आदेश पर उन्हें जेल भेज दिया गया था. तब से वे टोंक की जेल में बंद थे.
इस मामले में उन्हें पहले ही थप्पड़ मारने के आरोप से जुड़ी जमानत मिल चुकी थी, लेकिन आगजनी और तोड़फोड़ के दूसरे मामले के कारण वे जेल में ही थे.
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