राजस्थान सरकार के पीएचईडी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी नें पूर्व डिप्टी सीएम और टोंक विधायक सचिन पायलट के ईआरसीपी के एमओयू को सार्वजनिक करने के बयान पर पलटवार किया. मंत्री चौधरी ने कहा कि वे एमओयू देखकर क्या करेगें? वे हमारा काम देख लें, उन्हें सब समझ में आ जाएगा. फिर भी पायलेट में एमओयू को देखने की ललक है तो वे सीएम के पास चले जाएं. वहां उन्हें एमओयू भी दिखा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम लोग 90 फीसदी काम किए जाने के बाद भी फूल मालाएं व पगड़ी नहीं पहनते हैं. क्योंकि हम काम में विश्वास रखते हैं.
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पुलिस पर क्यों भड़क गए मंत्री?
6 मार्च को टोंक में जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक में भाग लेने के बाद कैबिनेट मंत्री मीडियाकर्मियों से रूबरू हुए. पुलिस की कार्यशैली से खफा मंत्री ने एसपी संजीव नैन व कलेक्टर डॉ. सौम्या झा की मौजूदगी में यहां तक कह दिया कि पुलिस विभाग के अधिकारी अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर बजरी लीजधारक के इशारे पर सिर्फ बजरी की ट्रोलियां पकड़ने का काम कर रही है. जबकि यह कार्रवाई खनिज विभाग को करनी होती है और पुलिस की भूमिका सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखने की होती है. उन्होंने कहा कि पुलिस की नियम विरूद्ध कार्रवाही से गरीबों के पीएम आवास या तो अधूरे पड़े हैं या फिर वे काम शुरू करने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाए हैं.
चौधरी ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश
मंत्री चौधरी ने खनिज विभाग व परिवहन विभाग को निर्देश दिए कि वह पुलिस विभाग की मदद से बजरी ट्रैक्टरों को नहीं, बल्कि ऑवरलोड वाहनों को पकड़े. पीएचईडी मंत्री ने बजरी लीजधारक द्वारा सरकार की कार्रवाही के विरूद्ध स्टे को लेकर कहा कि हमारी सरकार कोशिश करेगी कि यह स्टे जल्द से जल्द खत्म हो.
लोकसभा के टिकट वितरण में नाराजगी पर कही ये बात
मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा कि बीजेपी ने पहली लिस्ट में घोषित 15 प्रत्याशियों को लेकर कहीं भी असंतोष नहीं है. टोंक-सवाई माधोपुर से दो बार सांसद के सुखबीर सिंह जौनापुरिया की जगह किसी स्थानीय को टिकट दिए जाने की मांग पर पूरी तरह से चुप्पी साध ली. हांलांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि यह मामला आलाकमान के स्तर का है.
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