ACB के फरमान पर गृह राज्यमंत्री ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना, बोले- भ्रष्ट लोगों को बचाने का नया तरीका

Rajasthan acb news: राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम की बात कही थी. लेकिन भ्रष्टाचारियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने वाले भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने ही एक ऐसा काला फरमान जारी किया है जिसको लेकर अब बवाल खड़ा हो गया है. राजस्थान में एसीबी ने किसी भी […]

NewsTak

विशाल शर्मा

follow google news

Rajasthan acb news: राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम की बात कही थी. लेकिन भ्रष्टाचारियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने वाले भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने ही एक ऐसा काला फरमान जारी किया है जिसको लेकर अब बवाल खड़ा हो गया है. राजस्थान में एसीबी ने किसी भी भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारियों की रिश्वत लेते पकड़े जाने पर पहचान उजागर नहीं होने का आदेश दिया है. इसको लेकर जयपुर में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने गहलोत सरकार को आड़े हाथों लिया हैं.

Read more!

दरअसल भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के कार्यवाहक महानिदेशक बनने के बाद आईपीएस अधिकारी हेमंत प्रियदर्शी ने भ्रष्ट अधिकारियों-कर्मचारियों को ट्रैप करने के बाद उनके नाम और फोटो जारी नहीं करने के आदेश जारी किए है. गुरुवार को पुलिस जांच एजेंसियों के प्रमुखों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन में जयपुर शिरकत करने आए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस होना चाहिए और भ्रष्टाचारियों का चेहरा उजागर होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारियों के चेहरें समाज और कानून के सामने आने चाहिए. इस संबंध में खुद प्रधानमंत्री मोदी अपने एक संबोधन में भ्रष्टाचारियों के चलते देश के पिछड़ने की बात कह चुके है. क्योंकि भ्रष्टाचार ने देश को बहुत नुकसान पहुंचाया है, जिसकी वजह से एक समय में आर्थिक व्यवस्था भी चरमरा गई थी. ऐसे लोगों को जेल के अंदर होना चाहिए, लेकिन राजस्थान में कांग्रेस के राज में एसीबी का यह फरमान भ्रष्टाचारियों को बचाने का नया तरीका है.

गौरतलब है कि भ्रष्टाचारियों की पहचान छिपाने वाले जिस तरह के बिल को पूर्व की वसुंधरा राजे की सरकार ने काला कानून लाया था. लेकिन विरोध के बाद उस बिल को वापस लेना पड़ा था. उसके बाद वर्तमान में पिछले कुछ सालों से एसीबी की त्वरित कार्रवाई से प्रदेश की जनता में एसीबी के प्रति विश्वास बढ़ा था. जिससे आम लोग एसीबी को भ्रष्ट अफसर की बेखौफ जानकारी देते थे. लेकिन नए आदेश के बाद किसी भी भ्रष्ट अफसर या कर्मचारी की फोटो और नाम मीडिया में नहीं जारी करने के एसीबी के नए मुखिया पर सवाल खड़े हो रहें है.

यह भी पढ़ें: भ्रष्टाचार को लेकर गहलोत सरकार पर बरसे सतीश पूनियां, ACB के नए फरमान का किया विरोध

    follow google news