दो महीने से धरने पर बैठे मंत्रालयिक कर्मचारियों का सब्र टूटा, सिविल लाइंस की ओर किया कूच

Strike Of Ministerial Employees: जयपुर के मानसरोवर में राजस्थान मंत्रालयिक कर्मचारियों का पिछले 60 दिनों से आंदोलन चल रहा है. इस बीच गुरुवार को कर्मचारियों के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने सिविल लाइंस की ओर कूच कर किया. सबसे पहले उन्होंने मंत्री महेश जोशी के सरकारी आवास का घेराव किया जहां से पुलिस ने […]

60 दिनों से आंदोलन कर रहे मंत्रालयिक कर्मचारियों के सब्र का बांध टूटा, सिविल लाइंस की ओर किया कूच
60 दिनों से आंदोलन कर रहे मंत्रालयिक कर्मचारियों के सब्र का बांध टूटा, सिविल लाइंस की ओर किया कूच

विशाल शर्मा

• 09:45 AM • 08 Jun 2023

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Strike Of Ministerial Employees: जयपुर के मानसरोवर में राजस्थान मंत्रालयिक कर्मचारियों का पिछले 60 दिनों से आंदोलन चल रहा है. इस बीच गुरुवार को कर्मचारियों के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने सिविल लाइंस की ओर कूच कर किया. सबसे पहले उन्होंने मंत्री महेश जोशी के सरकारी आवास का घेराव किया जहां से पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया. इसके बाद आक्रोशित कर्मचारियों ने कांग्रेस नेता और RTDC चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ के निजी आवास पर पहुंचकर नारेबाजी की.

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मंत्रालयिक कर्मचारियों ने करीब 2 घंटे तक धर्मेंद्र राठौड़ के फ्लैट के नीचे धरना दिया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों की धर्मेन्द्र राठौड़ के साथ लंबी वार्ता भी हुई. धर्मेंद्र राठौड़ ने कर्मचारियों को उनकी मांगों को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने और उचित समाधान निकलवाने के प्रयास करने का आश्वासन भी दिया.

सिर्फ आश्वासन पर आश्वासन मिल रहे हैं: मंत्रालयिक कर्मचारी
कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौड़ से वार्ता के बाद भी कर्मचारियों की बात नहीं बनी. कर्मचारियों ने खुद को ठगा हुआ महसूस करते हुए कहा कि यहां भी उनके साथ धोखा हुआ है. सिर्फ आश्वासन दर आश्वासन मिल रहे हैं लेकिन निष्कर्ष अभी तक कुछ नहीं निकल रहा है.

मांगें नहीं माने जाने तक महापड़ाव जारी रहेगा
वहीं महिला कर्मचारियों ने कहा कि धर्मेंद्र राठौड़ से उम्मीद थी क्योंकि वो खुद पहले कर्मचारियों के नेता रह चुके हैं. उनके दर्द से अच्छी तरह से वाकिफ भी है लेकिन उन्होंने भी सिर्फ कचोरी, समोसा खिला कर इतिश्री कर ली है. जबकि कर्मचारी उनके आवास पर अपनी मांगें मनवाने के लिए आए थे. उन्होंने कर्माचारियों को सिर्फ नाश्ता करवा और तालियां बटोरकर चल दिए. जब तक मांगों के आदेश नहीं होंगे तब तक महापड़ाव जारी रहेगा. जो कर्मचारी आमरण अनशन पर बैठे हैं वो अब जल समाधि लेंगे.

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