Rajasthan News: पुलवामा हमले के शहीदों की वीरांगनाओं के साथ राजस्थान में बर्बरता की तस्वीरें सामने आई हैं. पिछले 5 दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठी वीरांगनाओं ने जब शनिवार को राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलकर इच्छा मृत्यु का ज्ञापन सौंपा तो उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने की बात कही. इसके बाद राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा के साथ मुख्यमंत्री आवास की तरफ बढ़ रहीं पुलवामा शहीदों की वीरांगनाओं को पुलिस ने रोका, वो सड़क पर बैठ गईं तो घसीटा और जीप में डालकर ले गए. जब सांसद किरोड़ी अस्पताल पहुंचे तो वीरांगना उन्हें पकड़कर फूट-फूटकर रोईं.
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पुलिस की बर्बरता के दौरान शहीद रोहिताश लाम्बा की पत्नी मंजू जाट घायल हो गईं जिसके बाद उसे सवाई मानसिंह अस्पताल रेफर किया गया. वहां वीरांगना मंजू जाट का अब इलाज चल रहा है. पुलिस की बर्बरता के बाद राज्यसभा सांसद भी एसएमएस अस्पताल पहुंचे और घायल वीरांगना की कुशलक्षेप पूछी. इस दौरान मंजू जाट किरोड़ी के गले लगकर रोने लगीं. वहीं डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि वीरांगनाओं का अपमान दर अपमान हो रहा है और इसको लेकर ये इतनी तंग आ चुकी हैं कि इन्होंने राज्यपाल को इच्छा मृत्यु का ज्ञापन सौंपा है. इसके बाद मुख्यमंत्री को इनसे मिलना चाहिए था लेकिन सीएम से मिलने के बजाय इन्हें पुलिस की बर्बरता झेलनी पड़ी.
राज्यसभा सांसद का आरोप है कि पुलिस ने वीरांगनाओं के बाल नोचे, मुक्के मारे और इन्हें धक्का देकर हिरासत में लिया. इसमें शहीद की पत्नी मंजू जाट को गंभीर चोट आई है. जबकि वीरांगनाओं के पति जब शहीद हुए थे तब इसी सरकार के मंत्री वहां जाकर वीरांगनाओं से वादा करके आए थे लेकिन आज वहां ना कोई स्कुल का नामकरण शहीद के नाम से हुआ है और ना ही सड़क बनी और ना ही किसी परिवार के सदस्यों को नौकरी मिली है. ऐसे में इन्हीं मांगों को लेकर वीरांंगनाएं मुख्यमंत्री से मिलना चाहती हैं लेकिन सीएम ना खुद मिलने आ रहे हैं और ना ही अपने दर पर वीरांगनाओं को प्रवेश दे रहे हैं.
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