Rajasthan Politics: राजस्थान की राजनीति में इन दिनों विधानसभा में लगे कथित हिडन कैमरों को लेकर बवाल मचा हुआ है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि सदन में महिला विधायकों की निजता का उल्लंघन किया जा रहा है. डोटासरा का कहना है कि दो कैमरे छुपाकर लगाए गए हैं, जिनका एक्सेस सीधे स्पीकर के रिटायर रूम में है.
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महिला विधायकों ने जताई निजता को लेकर चिंता
डोटासरा ने दावा किया कि कुछ महिला विधायक उनके पास आईं और बताया कि सदन स्थगित होने के बाद जब वे व्यक्तिगत या पारिवारिक बातें करती हैं, तब भी कैमरे रिकॉर्डिंग करते रहते हैं. उन्होंने कहा कि सदन स्थगित होने पर वह आम जगह की तरह माना जाता है और ऐसे में किसी भी सदस्य की निजी बातचीत को रिकॉर्ड करना नियमों और परंपराओं के खिलाफ है.
डोटासरा ने कहा, "इन कैमरों की क्षमता इतनी है कि वे बेहद नजदीक से हर चीज को जूम कर सकते हैं. यहां तक कि कोई पिन भी फर्श पर गिरी हो तो दिख जाएगी. ये निजता का सीधा उल्लंघन है."
पुराने कैमरे यूट्यूब लाइव से जुड़े, दो कैमरों पर उठे सवाल
कांग्रेस नेता का कहना है कि विधानसभा में पहले से नौ कैमरे लगे हुए थे. जो यूट्यूब पर सदन की कार्यवाही लाइव प्रसारित करते हैं. इन पर किसी को आपत्ति नहीं थी. लेकिन अब एक करोड़ रुपये की लागत से नए कैमरे लगाए जा रहे हैं, जिनमें दो कैमरे ऐसे बताए जा रहे हैं जिनका एक्सेस किसी अधिकारी या कर्मचारी के पास नहीं बल्कि सीधे स्पीकर के निजी कक्ष में है.
डोटासरा ने आरोप लगाया कि इन दो कैमरों की वायरिंग और एक्सेस को गुपचुप तरीके से स्थापित किया गया और अब उन्हें हटाने या छुपाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि विधानसभा परिसर में हाल ही में पीडब्ल्यूडी के अधिकारी और ठेकेदार लगातार पहुंच रहे हैं और केबल हटाई जा रही है.
विपक्ष ने उठाई जांच की मांग
डोटासरा ने कहा कि विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने मुख्यमंत्री से भी इस मामले में दखल देने और जांच कराने की मांग की है. विपक्ष चाहता है कि विधानसभा को कुछ समय के लिए स्थगित कर इन कैमरों का एक्सेस सार्वजनिक रूप से दिखाया जाए.
डोटासरा ने कहा, "अगर ये कैमरे सिर्फ लाइव प्रसारण के लिए हैं तो सब ठीक है, लेकिन अगर दो कैमरे केवल विपक्ष पर निगरानी के लिए लगाए गए हैं और उनकी फीड स्पीकर के निजी कक्ष में जाती है, तो यह बहुत गंभीर मामला है."
'ऐसी सोच को डूब मरना चाहिए'
डोटासरा ने कहा कि महिला विधायकों की वेशभूषा या निजी बातें जानने के लिए कैमरे लगाने का बेहद गंभीर है. उन्होंने कहा, "यदि किसी की मानसिकता विपक्ष की हर गतिविधि पर जासूसी करने की है तो ऐसी सोच को डूब मरना चाहिए."
उन्होंने स्पष्ट किया कि वह कोर्ट नहीं जाना चाहते क्योंकि इससे विधानसभा की गरिमा पर सवाल उठ सकते हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर वे सभी वैधानिक विकल्पों का इस्तेमाल करेंगे.
बजट सत्र में भी उठेगा मुद्दा
डोटासरा ने कहा कि वह जनता के प्रतिनिधि हैं और बजट सत्र में जरूर जाएंगे लेकिन तब तक इस विवाद का समाधान जरूरी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में जो भी फैसला लिया जाएगा, पार्टी उसी के अनुसार विधानसभा में आगे की रणनीति तय करेगी.
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