'मूंछों वाले पोस्टर..खूब ट्रोलिंग', हार के बाद क्या-क्या झेल रहे हनुमान बेनीवाल, कांग्रेसी नेता ने किया सपोर्ट

भारतीय समाज में पुरुषों की मूंछें उसके सम्मान का प्रतीक रही हैं. राजस्थान के उपचुनाव में भी ये मूंछें छाई रहीं और स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर का ये बयान भी. जब से हनुमान बेनीवाल चुनाव हारे हैं तब से वो विपक्षी लोगों के निशाने पर हैं. अब तो मूंछ लगे कुछ पोस्टर सीएम भजनलाल के घर के आसपास भी नजर आ रहे हैं.

Rajasthan Poster
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आंचल गुप्ता

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भारतीय समाज में पुरुषों की मूंछें उसके सम्मान का प्रतीक रही हैं. राजस्थान के उपचुनाव में भी ये मूंछें छाई रहीं और स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर का ये बयान भी. जब से हनुमान बेनीवाल चुनाव हारे हैं तब से वो विपक्षी लोगों के निशाने पर हैं. अब तो मूंछ लगे कुछ पोस्टर सीएम भजनलाल के घर के आसपास भी नजर आ रहे हैं. जयपुर के सिविल लाइंस में मुख्यमंत्री आवास के सामने वाली रोड पर आपको कई पोस्टर्स दिख जाएंगे, जिस पर मूंछ की एक फोटो के साथ नीचे हैशटेग में खींवसर भी लिखा हुआ है. जिसके बाद अब सोशल मीडिया पर बेनीवाल के पक्ष में लोग भी खड़े हो गए हैं. लोगों का कहना है कि राजनीति में जीत-हार अपनी जगह है लेकिन इस तरह से किसी की बेइज्जती करने का अधिकार किसी को नहीं है.

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यहां तक की इस वायरल फोटो पर बेनीवाल के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी कहे जाने वाले हरीश चौधरी ने भी बेनीवाल के पक्ष में अपनी प्रतिक्रिया दी. हरीश के लिखा कि चुनाव एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है जो आमजन के मुद्दों, विचारधारा व भविष्य निर्माण की लड़ाई है. लेकिन दुर्भाग्य से पिछले कुछ सालों से इसे व्यक्तिगत प्रतिष्ठा से जोड़कर सभ्य समाज में विवादों को जन्म दिया जा रहा है.

'छोटी सोच दर्शाता है यह' - हरीश चौधरी

हरीश चौधरी ने कहा हार जीत चुनाव के दो पहलू हैं, इसमें इस तरह की बातें करना छोटी सोच को दर्शाता है. तो वहीं लोग भी इस फोटो पर अपनी कई तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. एक यूजर ने लिखा कि अब जैसे-तैसे जीत गए मंत्री जी को बोलो चिकित्सा व्यवस्था पर ध्यान दें. तो वहीं एक यूजर ने लिखा कि इसे ही तो घमंड कहते हैं लेकिन इन्हें पता नहीं कि राजनीति में किसी का घमंड स्थाई नहीं होता है. ये जनता है कब ऊपर ले जाए और कब नीचे पटक दे पता ही नहीं चलता है. तो वहीं एक सोनाराम नाम के यूजर ने लिखा कि गजेंद्र सिंह की मूंछ तो उसे दिन कट गई थी जब खींवसर छोड़कर लोहावट गए थे.

आपको बता दें कि इससे पहले बीजेपी के प्रभारी राधामोहन अग्रवाल ने बेनीवाल को चूहा बताया था जिसके बाद इसे देखकर जाट समाज में इसे लेकर गहरी नाराजगी दिखाई दी. रविवार को इसे लेकर समाज के लोगों ने जोधपुर में प्रदर्शन भी किया था. अब एक तरफ बेनीवाल की हार को लेकर कई लोग उनका मजाक उड़ा रहे हैं तो दूसरी तरफ लोग उनके समर्थन में भी कई तरह की बातें लिख रहे हैं. आपका इसे लेकर क्या कुछ कहना है, कॉमेंट बॉक्स में हमें लिखकर बता सकते हैं.

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