राहुल गांधी को असम में मंदिर जाने से रोका तो सियासत गरमाई, अब पायलट ने दिया ये रिएक्शन

Sachin pilot: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (rahul gandhi) ने आज 22 जनवरी को आरोप लगाया कि उन्हें असम के नगांव स्थित शंकरदेव मंदिर में जाने से रोका गया है. बता दें कि नगांव में स्थित ‘बोदोर्वा थान’ के इस धर्मस्थल को असम के संत श्री शंकरदेव का जन्मस्थान माना जाता है. ‘बोदोर्वा थान’ मंदिर को […]

Rajasthan News Live: पायलट बोले- सुरेंद्र पाल टीटी सरकार के पहले अग्निवीर मंत्री, पढ़ें पल-पल की खबरें
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22 Jan 2024 (अपडेटेड: 22 Jan 2024, 07:19 AM)

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Sachin pilot: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (rahul gandhi) ने आज 22 जनवरी को आरोप लगाया कि उन्हें असम के नगांव स्थित शंकरदेव मंदिर में जाने से रोका गया है. बता दें कि नगांव में स्थित ‘बोदोर्वा थान’ के इस धर्मस्थल को असम के संत श्री शंकरदेव का जन्मस्थान माना जाता है. ‘बोदोर्वा थान’ मंदिर को शंकरदेव मंदिर के तौर पर भी जाना जाता है. राहुल गांधी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन शंकरदेव मंदिर में पूजा अर्चना करना चाहते हैं. उनके आरोप के बाद सियासत गरमा गई. अब पूर्व डिप्टी सीएम और सीडब्ल्यूसी सदस्य सचिन पायलट (Sachin pilot) ने ट्वीट कर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा “असम में राहुल गांधीजी को आज सुबह श्री श्री शंकरदेव जी के जन्मस्थान के दर्शन करने जाना था. अचानक ही पुलिस ने उनको वहां जाने से रोक दिया है. जब मंदिर में दर्शन का कार्यक्रम पहले से निर्धारित था तो आखिर राहुल जी को दर्शन करने से रोकने का क्या मकसद है? आस्था पर पाबंदी क्यों?” 

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पायलट ने कहा कि यह अधिकारों का हनन है और पूर्णतः ओछी राजनीति है. यह स्पष्ट है कि असम में राहुलजी और ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की लोकप्रियता से बीजेपी डरी हुई है. इस अन्याय का पुरजोर तरीके से हम विरोध करते हैं.

क्या हैं पूरा मामला?

कांग्रेसी सांसद गौरव गोगोई ने इस पूरे मामले के बारे में मीडिया को बताते हुए कहा कि राहुल जी के प्रतिनिधि के तौर पर मैं और यहां की विधायक बोरदोवा थान गए. हम दोनों ने राहुल गांधी जी की सद्भावना व शांति की आशा को व्यक्त किया. बोरदोवा थान के सभी पुजारियों ने कहा कि हमारा आशीर्वाद राहुलजी के साथ है. हमने पुजारियों से कहा कि राहुलजी स्वयं आना चाहते थे, लेकिन उन्हें बताया गया कि सरकार पहले से ही यहां कोई कार्यक्रम आयोजित कर रही है.

गोगोई का कहना है कि जब हम वहां पर गए तो लगभग 10 बजे तक वहां पर कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं चल रहा था. प्रशासन के द्वारा यह झूठ फैलाया गया, जिसका आदेश सीधा मुख्यमंत्री की तरफ से आया था. आज इस अफवाह से सरकार ने बोरदोवा थान के इतिहास और श्री श्री शंकर देव जी की संस्कृति पर काला दाग लगाया है.

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