Rajasthan: 22 घंटे से बोरवेल में फंसी 3 साल की चेतना, भूखी-प्यासी बच्ची के लिए यहां तक पहुंचा रेस्क्यू ऑपरेशन

Rajasthan: राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ जिले के किरतपुरा क्षेत्र के बडियाली ढाणी सोमवार को गांव में घर के बाहर खेल रही 3 साल की चेतना 700 फीट गहरे बोरवेल की गड्ढे में गिर गई. उसके साथ खेलने वाली उसकी बड़ी बहन ने मामले की जानकारी परिवार को दी.

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हिमांशु शर्मा

24 Dec 2024 (अपडेटेड: 24 Dec 2024, 01:54 PM)

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राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ जिले के किरतपुरा क्षेत्र के बडियाली ढाणी सोमवार को गांव में घर के बाहर खेल रही 3 साल की चेतना 700 फीट गहरे बोरवेल की गड्ढे में गिर गई. उसके साथ खेलने वाली उसकी बड़ी बहन ने मामले की जानकारी परिवार को दी. परिवार ने पुलिस प्रशासन को घटना से अवगत कराया. तो कुछ ही देर में प्रशासन का पूरा अमला मौके पर पहुंचा. हालात को देखते हुए एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम को मौके पर बुलाया गया और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ. 22 घंटे से चेतन भूखी प्यासी गड्ढे में फंसी हुई है. रिंग रोड और अंब्रेला टेक्नोलॉजी से बच्ची को निकालने का प्रयास किया जा रहा है. रात करीब 1 से 2 बजे के बीच चेतन को बाहर निकलने का पहला प्रयास किया गया लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली.

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दिन में शुरू होगा दूसरा प्रयास

18 घंटे से बोरवेल के 150 फीट गहरे गड्ढे में भूखी प्यासी 3 साल की चेतन को बाहर निकलने का पहला प्रयास फेल हो गया. आपको बता दें बोरवेल 700 फीट है और चेतना 150 फीट पर फंसी हुई है. जल्द ही दूसरा प्रयास शुरू होगा. जगह कम होने के कारण खाद्य सामग्री नीचे भेजने में प्रशासन फेल हो गया. रिंग रोड और अंब्रेला टेक्नोलॉजी से बच्ची को निकालने का प्रयास किया जा रहा है. देर रात करीब 1 बजे पहला प्रयास असफल रहा. रिंग बच्ची के कपड़ों में फंसने के बाद बच्ची को बाहर निकाला जाएगा. एनडीआरएफ के सीनियर कमांडेंट योगेश मीणा ने बताया कि रिंग बच्ची को फंसाने के लिए बोरवेल में डाली गई थी. बच्ची के कपड़ों में रिंग उलझ गया था. उस रिंग से बच्ची की बॉडी पर पकड़ नहीं बन पाई. ऐसे में आदि दूरी में पकड़ छूटने के डर से रिंग को दोबारा बाहर निकाल लिया गया.

बच्ची को चोट लगने का है खतरा

रेस्क्यू टीम के अधिकारियों ने बताया कि उसको बाहर निकालने के दौरान बच्ची को चोट लग सकती है. ऐसे में प्रशासन ने बच्ची के परिजनों से तकनीक की मदद से बाहर निकालने की अनुमति ली. साथ ही प्रशासन की तरफ से परिजनों को पल-पल की जानकारी दी जा रही है. परिजनों से रेस्क्यू ऑपरेशन के द्वारा बाहर निकालने की अनुमति भी ली गई. जिससे परिजनों को किसी भी तरह की कोई दिक्कत ना हो. 

रेस्क्यू के दौरान लेटेस्ट तकनीक का उपयोग

रात भर घटना स्थल पर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे. तो एनडीआरएफ के एसआई रवि कुमार ने बताया कि बच्ची को रेस्क्यू करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. इस तरह के ऑपरेशन आमतौर पर सेना द्वारा किए जाते थे. लेकिन अब वर्तमान में एनडीआरएफ और सिविल डिफेंस के पास पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं. प्रशासन की तरफ से हर संभव प्रयास किया जा रहा है. 

एसडीएम ने क्या कहा

एसडीएम बृजेश चौधरी ने बताया कि चेतन को सकुशल बाहर निकलने किया जा रहा है. रात भर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा. बच्ची जिस स्थिति में अटकी हुई है. उसके नीचे थोड़ा दलदल और गीली मिट्टी है. जिससे कुछ दिक्कत आ रही है. बच्ची के नीचे की तरफ रिंग लग गई है. जिसकी मदद से उसे निकालने का प्रयास किया जा रहा है. साथ ही बच्ची को ऑक्सीजन पाइपलाइन की मदद से लगातार दी जा रही है. 

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