Rajasthan: डोटासरा समेत कांग्रेस के 6 विधायक इस वजह से सस्पेंड, सोमवार तक सदन स्थगित

Rajasthan: राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिला. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत छह विपक्षी विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया गया. इस निलंबन के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने सदन के अंदर ही धरना दे दिया.

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• 05:26 PM • 21 Feb 2025

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Rajasthan: राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिला. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत छह विपक्षी विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया गया. इस निलंबन के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने सदन के अंदर ही धरना दे दिया, जिससे कार्यवाही बाधित हो गई. स्थिति को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित करने का फैसला लिया है.

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इंदिरा गांधी पर टिप्पणी से भड़का विपक्ष

आज प्रश्नकाल के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर की गई टिप्पणी पर सदन में भारी हंगामा हुआ. विवाद इतना बढ़ गया कि विधानसभा की कार्यवाही को तीन बार स्थगित करना पड़ा. जब दोबारा कार्यवाही शुरू हुई, तो कांग्रेस विधायकों ने विरोध जारी रखते हुए वेल में हंगामा किया.

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, "पिछले बजट में 2023-24 में हर बार की तरह इस योजना का नाम इंदिरा गांधी के नाम पर रखा गया." इस टिप्पणी पर कांग्रेस विधायक भड़क गए. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा, "इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री रही हैं, उनके प्रति ऐसी भाषा अस्वीकार्य है." इसके बाद कांग्रेस के विधायक वेल में पहुंचकर नारेबाजी करने लगे.

सदन में जोरदार हंगामा, विधायकों का निलंबन

बढ़ते हंगामे के बीच संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने स्थिति को संभालने की कोशिश की और कहा कि 'दादी' शब्द सम्मानजनक है, लेकिन तब तक विधायक स्पीकर की टेबल तक पहुंच चुके थे. इस बीच, मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कांग्रेस विधायकों के निलंबन का प्रस्ताव रखा, जिसे विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने स्वीकार कर लिया. इसके तहत गोविंद सिंह डोटासरा, उप नेता प्रतिपक्ष रामकेश मीणा, अमीन कागजी, जाकिर हुसैन गैसावत, हाकम अली खान और संजय कुमार को बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया.

सरकार और विपक्ष के बीच तकरार जारी

सदन में हुए हंगामे के बाद सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने मीडिया से बातचीत में कहा, "हमारे मंत्री तार्किक और प्रभावी जवाब दे रहे थे, लेकिन कांग्रेस जानबूझकर व्यवधान डाल रही थी. उनके नेता स्पीकर के पास जाकर धमकाने लगे और सदन की कार्यवाही में बाधा डालने की कोशिश की. अगर कार्यवाही स्थगित नहीं होती, तो कोई अप्रिय घटना हो सकती थी."

वहीं, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सत्तापक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, "सरकार खुद सदन नहीं चलाना चाहती. हम सदन में किसी तरह की अपमानजनक भाषा बर्दाश्त नहीं करेंगे. मंत्री जवाब देने में असमर्थ हैं, और यह लोकतंत्र के लिए सही संकेत नहीं है."

धरने पर बैठे कांग्रेस विधायक

विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बावजूद कांग्रेस विधायक सदन के अंदर धरने पर बैठ गए. सस्पेंड किए गए छह विधायकों को घेरकर अन्य विधायक भी धरने में शामिल हो गए. चार बजे जब कार्यवाही फिर से शुरू हुई, तो सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने विधायकों को निलंबित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे स्पीकर ने मंजूरी दे दी. इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.

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