Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं. चुनावी सर्वे (Rajasthan Election Survey) भी सामने आने लगे हैं. चुनावी सर्वे ने पार्टियों की नींद उड़ा दी है. कांग्रेस प्रदेश में फिर से सरकार बनाने का दावा कर रही है. तो भाजपा सरकार बनाने की तैयारी में जुड़ी है. लेकिन शुक्रवार को टाइम्स नाऊ नवभारत ईटीजी (Times Now Navbharat ETG Opinion Poll) के सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में भाजपा व कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर रहेगी. सर्वे में दोनों पार्टियों को 42 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर हासिल करती ही नजर आ रही है.
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सर्वे के अनुसार, भाजपा को 95-105 सीटें मिलने की उम्मीद है, जबकि कांग्रेस को 91-101 सीटें मिलने की संभावना है. दोनों पार्टियों के बीच वोट शेयर में 0.60 प्रतिशत से भी कम का अंतर है. वहीं अन्य पार्टियों को 15 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 3-6 सीटें आने की उम्मीद हैं.
किस क्षेत्र में किस पार्टी को कितनी सीटें
ढूंढाड़ क्षेत्र – यहां बीजेपी को 27-29 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि कांग्रेस को 28-30 सीटें मिलने का अनुमान है.
मारवाड़ क्षेत्र – यहां बीजेपी को 30-32 सीटों के साथ कांग्रेस की तुलना में थोड़ी बेहतर स्थिति में हैं. कांग्रेस को यहां 27-29 सीटें मिलने का अनुमान है.
मेवाड़ क्षेत्र – मेवाड़ में कांग्रेस-बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर है, कांग्रेस और बीजेपी दोनों को 20-22 सीटें मिलने की उम्मीद है.
शेखावाटी क्षेत्र – यहां भाजपा को 10-12 सीटें मिलने की उम्मीद है, जबकि कांग्रेस को 9-11 सीटें मिल सकती है.
दोनों पार्टियों के बीच 4 सीटों का अंतर
सर्वे में कांग्रेस-बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर से दोनों पार्टियों की टेंशन बढ़ गई है. क्योंकि किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलता हुआ नहीं दिख रहा है. न्यूज चैनल के सर्वे के अनुसार भाजपा को राजस्थान में 95 से 105 सीट मिलती नजर आ रही है. तो कांग्रेस की 91 से 101 सीट मिल रही है. जबकि अन्य को 3 से 6 सीट मिलती हुई दिख रही है.दोनों पार्टियों के बीच महज 4 सीटों का अंतर सामने आ रहा है. ऐसे में साफ है की किसी को किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिल रहा है. यह सर्वे 45 प्रतिशत वोटिंग के आधार पर किया गया है.
प्रत्याशियों पर निर्भर करेगी हार-जीत!
ऐसे में साफ है कि राजस्थान में भाजपा व कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर होगी. तो बहुत कुछ आने वाले समय में प्रत्याशियों पर निर्भर रहेगा. दोनों ही पार्टियां इसीलिए सोच समझकर प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरेगी. पार्टी के नेता मंथन में लगे हैं. भाजपा केंद्रीय मंत्रियों को भी चुनाव में उतरने की तैयारी कर रही है. तो कांग्रेस भी अपने दिक्कत नेताओं और जिताऊ उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है.
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