Rajasthan: भजनलाल सरकार ने बेरोजगार युवाओं को दिया बड़ा झटका, समाप्त किए पटवारी के ये पद

Rajasthan: एक तरफ भजनलाल सरकार युवाओं को हर महीने नौकरी देने की बात कर रही है और दूसरी तरफ सरकारी नौकरी में पदों को समाप्त कर रही है. भजनलाल सरकार ने 18 जून को सिंचाई विभाग में 145 पटवारी पदों को समाप्त कर दिया.

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राजस्थान तक

• 02:28 PM • 23 Jun 2024

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Rajasthan: एक तरफ भजनलाल सरकार युवाओं को हर महीने नौकरी देने की बात कर रही है और दूसरी तरफ सरकारी नौकरी में पदों को समाप्त कर रही है. भजनलाल सरकार ने 18 जून को सिंचाई विभाग में 145 पटवारी पदों को समाप्त कर दिया. ये ऐलान उस दौरान किया गया जब सरकार लगातार युवाओं को नौकरी देने की बात कर रही थी. 

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दरअसल, सरकार ने मुख्य अभियंता, जल संसाधन उत्तर हनुमानगढ़ (BFC Unit-210) के अधीन आने वाले 145 पदों समाप्त किया है. सरकार ने यह आदेश 18 जून को निकाले हैं. 

किसान संगठनों में आक्रोश

इन आदेशों के बाद किसान संगठनों में भी आक्रोश है. उनका मानना है कि जो नहरी पटवारी के कार्य होते थे. वह अब नहरी अध्यक्षों को दे दिए गए हैं. जिन्हें उनके कार्य का ज्ञान ही नहीं है. ऐसे में भ्रष्टाचार भी बढ़ रहा है. किसान अब अपने नहरी पानी के लिए पर्ची कटवाने के लिए चक्कर काटता रहता है, कोई गिरदावरी का कार्य हो तो चक्कर काटता रहता है और सरकार ने उनकी समस्याओं को बढ़ा दिया है. 

किसान संगठन का कहना - आंदोलन करेंगे

किसान संगठनों का कहना है कि यह सिस्टम समाप्त करना एक तरह से सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करता है. सरकार की मंशा सिर्फ पैसा इकट्ठा करना है न की रोजगार उत्पन्न करना है. अगर सरकार चाहे तो नहरी पटवारी की नियुक्ति कर बेरोजगारों को रोजगार दे सकती है लेकिन सरकार ऐसा नहीं चाहती. वह तो सारे कार्य ठेके पर देना चाहती है, जिसका उदाहरण सबके सामने है कि नहरी पटवारी के पद ही समाप्त कर दिए गए हैं. ऐसे में भ्रष्टाचार बढ़ेगा क्योंकि जो नहरी अध्यक्ष हैं वह सिर्फ भ्रष्टाचार ही करेंगे भले ही पर्ची देने के नाम पर हो. पानी की बारी के नाम पर हो. लगातार भ्रष्टाचार किए जाएंगे और वह इसकी आवाज उठाएंगे और उसका तो आंदोलन भी करेंगे.

क्या काम होता है नहरी पटवारी का

नहरी पटवारी को सिंचाई से जुड़े कार्य दिए जाते हैं. भले ही वह कार्य गिरदावरी के हो. पानी की पर्ची देना हो, उनकी फसल का आंकलन करना हो. यह सब कार्य नहरी पटवारी को दिए जाते थे लेकिन धीरे-धीरे इन पदों को बढ़ाया नहीं गया बल्कि समाप्त किया जाने लगा. क्योंकि जैसे-जैसे पद रिक्त होते गए, वैसे-वैसे नियुक्तियां की जानी थी. लेकिन कोई भी नियुक्ति नहीं की गई. वहीं बचे हुए नहरी पटवारियों को दूसरे विभागों में लगा दिया गया.

इनपुट: गुलाम नबी
 

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