Rajasthan Budget 2024: जिन लोकसभा सीटों पर बीजेपी को मिली बुरी हार, उन्हीं क्षेत्रों के लिए सरकार ने खोल दिया पिटारा!

भजनलाल सरकार में डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री दीया कुमारी ने राजस्थान बजट-2024 पेश किया. इस बजट में पश्चिमी राजस्थान यानी बाड़मेर और जैसलमेर के साथ बांसवाड़ा-डूंगरपुर समेत दक्षिणी हिस्से के लिए अहम घोषणाएं की गई है. 

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गौरव द्विवेदी

10 Jul 2024 (अपडेटेड: 10 Jul 2024, 04:23 PM)

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भजनलाल सरकार में डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री दीया कुमारी ने राजस्थान बजट-2024 पेश किया. शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन से लेकर रोजगार के क्षेत्र में बड़ी घोषणाएं की गई. इस बजट में हर वर्ग को साधने की कोशिश की गई है. साथ ही इस बजट की खास बात यह रही कि प्रदेश के कई क्षेत्रों में ऐलान किया गया. वहीं, पश्चिमी राजस्थान यानी बाड़मेर और जैसलमेर के साथ बांसवाड़ा-डूंगरपुर समेत दक्षिणी हिस्से के लिए अहम घोषणाएं की गई है. खास बात यह है कि इस लोकसभा चुनाव में बाड़मेर-जैसलमेर और बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी को बुरी हार झेलनी पड़ी.

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ऐसे में बजट के जरिए एक बार फिर इन क्षेत्रों को साधने की कोशिश की गई है. बजट में ST-SC कर्मचारियों को सस्ता ऋण देने का भी प्रावधान किया गया है. जाहिर तौर पर इसका फायदा वागड़ अंचल में रह रही जनजाति और पश्चिमी राजस्थान में एससी वर्ग को भी मिलेगा. 

धार्मिक-सांस्कृतिक पर्यटन के साथ ही जनजाति विकास का भी प्लान

वागड़ के लिए रूपरेखा बनाते समय यहां की संस्कृति को खासा फोकस किया गया है. 15वीं सदी तक बांसवाड़ा के राजा रहे बांसिया भील के नाम पर "बांसिया भील संग्रहालय" की भी घोषणा की गई है. इसके अलावा बजट में बांसवाड़ा के टूरिस्ट प्लेस पर ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा. जिसके तहत पर्यटन स्थल समाई माता मंदिर पहाड़ी पर रोप वे की डीपीआर बनाई जाएगी. यह क्षेत्र खूबसूरत टूरिस्ट प्लेस होने के साथ ही इस क्षेत्र के लिए खास महत्व रखता है. 15वीं सदी में जंगलाें में बसे इसी क्षेत्र के आसापस बासिया भील के महल के अवशेष बताए जाते हैं. 

वहीं, आदिवासियों के विकास के लिए सरकार नई योजना शुरू करने जा रही है. इस योजना का नाम भी "गोविंद गुरु जनजाति विकास योजना" के काम होंगे. इसके अलावा क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही वन अधिकार के तहत पट्टों की मांग को लेकर भी प्रावधान किया गया है. कुल 358 किमी लंबे अजमेर-बांसवाड़ा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को मंजूरी दी गई.

वहीं, बजट में डूंगरपुर नगरीय क्षेत्र में स्थानीय कलाकारों को मंच उपलब्ध कराने के लिए शिल्पग्राम की भी घोषणा की गई है. जनजाति बहुल क्षेत्र में आदिवासी महापुरुष डूंगर, बरंडा और बांसिया भील के स्मारक बनाने की घोषणा की गई है.

रेगिस्तानी इलाके को क्या मिला?

वहीं, रेगिस्तानी इलाके में रिफाइनरी, सोलर पार्क और एयरपोर्ट के लिए जमीन की घोषणा की गई है. जैसलमेर में ओपन रॉक म्यूजियम, बालोतरा में पेट्रोजोन और दो नए सोलर पार्क की घोषणा की गई है. एक पार्क जैसलमेर में और एक पूगल (बीकानेर) में बनाया जाएगा. जबकि बाड़मेर में 5 साल से एयरपोर्ट की जमीन आवंटन की प्रक्रिया का इंतजार था. इसके लिए बाड़मेर उतरलाई में सिविल एयरपोर्ट के लिए निशुल्क जमीन देने की घोषणा की गई है. 

जैसलमेर-बाड़मेर चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे तीसरे नंबर पर

इन सीटों की बात इसलिए भी क्योंकि जिन 11 सीटों पर बीजेपी की हार हुई. उसमें से ये 2 सीटों ऐसी थी जहां बीजेपी को बुरी तरह शिकस्त मिली. बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में उम्मेदाराम बेनीवाल ने निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी को 1 लाख 18 हजार मतों से हार गए. जबकि बीजेपी के उम्मीदवार और पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी महज 2 लाख 86 हजार 733 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे.

बीजेपी-RSS के लिए चुनौती बनी BAP 

जबकि बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी ने कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे महेंद्रजीत सिंह मालवीया को क्षेत्र में उतारा. लेकिन यहां भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के प्रत्याशी राजकुमार रोत ने बीजेपी उम्मीदवार प्रत्याशी महेंद्रजीत सिंह मालवीया को 2 लाख 47 हजार 054 वोटों से हराया. रोत को 8 लाख 20 हजार 831 और मालवीया को 5 लाख 73 हजार 777 को वोट मिले. यही नहीं, इस क्षेत्र में आरएसएस से संबद्ध वनवासी कल्याण आश्रम भी वर्षों से काम कर रहा है. बावजूद इसके बाप बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. 

 

 

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