Dress code implemented in these temples in Rajasthan: राजस्थान (rajasthan news) के उदयपुर (udaipur news) और अब जयपुर (Jaipur news) के मंदिर में ड्रेस कोड लागू होने पर बहस छिड़ गई है. प्रसिद्ध कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने ड्रेस कोड को लेकर विधर्मियों की चाल बताई है. उनका कहना है कि भगवान कभी कपड़े नहीं बल्कि आस्था देखते हैं. उन्होंने आगे कहा- कपड़े तो रावण ने भी बदले, लेकिन कपड़े बदलकर उसने जो कार्य किया उसे सभी ने देखा. इस दौरान करीब लगभग एक लाख लोग शिव पुराण की कथा सुनने के लिए पंडाल में मौजूद थे.
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गौरतलब है कि उदयपुर के जगदीश मंदिर में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं के लिए नया फरमान जारी किया गया है. मंदिर मंडल की ओर से ये व्यवस्था लागू कर बाकायदा मंदिर के गेट पर बैनर लगाया गया है. इसमें लिखा है- ‘सभी भक्तों को सूचित किया जाता है कि श्री जगदीश मंदिर परिसर में शॉर्ट टी-शर्ट, शॉर्ट जींस, बरमुडा, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट आदि पर प्रतिबंध है.’
जयपुर के इस मंदिर में भी ड्रेस कोड लागू
इधर प्रदेश की राजधानी जयपुर के झारखंड महादेव मंदिर में भी ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है. यहां मिनी स्कर्ट, नाईट सूट, कटी-फटी जींस, फ्रॉक जैसी ड्रेस में प्रवेश की मनाही है.
सनातन को तोड़ने की नई चाल- प्रदीप मिश्रा
कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने कहा कि पूरे भारत में सनातन धर्म आगे बढ़ रहा है. नवयुवक बच्चे मंदिर जाना शुरू कर दिए हैं. इनको रोकने के लिए कुछ विधर्मियो ने एक नई चाल चलना शुरू कर दिया है. उन्हें रोकने का प्रयास किया जा रहा है. भगवान भोलेनाथ कपड़े से खुश नहीं होते. भगवान ना वस्त्र देखते हैं न दौलत.
बात परंपरिक वस्त्रों की हो रही
संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चन्द्रशेखर तिवारी ने पंडित प्रदीप मिश्रा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि मंदिरों में पारंपरिक वस्त्र पहनकर आने की पूरे प्रदेश में यह मुहिम शुरू की गई है. जींस पहनकर आइए लेकिन जींस फुल होनी चाहिए. कटी-फटी नहीं होनी चाहिए. बरमुडा नहीं होना चाहिए. ऐसे वस्त्र नहीं होना चाहिए जिसमें कि आपके शरीर के अंतरंग भाग नजर आ रहे हों. वस्त्र पारंपरिक होना चाहिए. कई मंदिरों में महिलाएं स्नान करके नाइट सूट पहन के आ गईं. यह कोई फैशन शो का स्थान नहीं यह पर्यटन स्थल नहीं, यह धर्म स्थल है. धर्म स्थल में व्यक्ति को पारंपरिक वस्त्र में प्रवेश करना चाहिए.
अंडरगारमेंट में भी देना चाहिए प्रवेश?
चन्द्रशेखर तिवारी ने सवाल उठाते हुए कहा-क्या आप इसका भी समर्थन करते हैं कि व्यक्ति अंडरगारमेंट में मंदिर में प्रवेश करें? प्रदीप मिश्रा जी आप नहीं जानते कि जब मंदिरों के बाहर मनचले खड़े होते हैं. जो आड़े-टेढ़े वस्त्र पहनकर आने वाली लड़कियों को छेड़ते हैं.
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