वसुंधरा गुट के भवानी सिंह राजावत की चेतावनी, बोले- बीजेपी ने टिकट नहीं दिया तो भी लडूंगा चुनाव

Bhawani singh rajawat’s warning to bjp: बीजेपी (bjp) में बागियों की फेहरिस्त लंबी है. जहां टिकट कटने के बाद दावेदार पार्टी के लिए चिंता पैदा कर रहे हैं. वहीं, कोटा (kota) के बीजेपी नेता भवानी सिंह राजावत ने टिकट घोषित होने से पहले ही बीजेपी को चुनौती दे दी है. उन्होंने इसे लेकर पार्टी को […]

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चेतन गुर्जर

12 Oct 2023 (अपडेटेड: 12 Oct 2023, 04:43 PM)

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Bhawani singh rajawat’s warning to bjp: बीजेपी (bjp) में बागियों की फेहरिस्त लंबी है. जहां टिकट कटने के बाद दावेदार पार्टी के लिए चिंता पैदा कर रहे हैं. वहीं, कोटा (kota) के बीजेपी नेता भवानी सिंह राजावत ने टिकट घोषित होने से पहले ही बीजेपी को चुनौती दे दी है. उन्होंने इसे लेकर पार्टी को पत्र भी लिख दिया है. राजावत ने कहा कि मेरा टिकट कट सकता है, इसीलिए मैंने चिट्ठी लिखकर पार्टी से मांग की है कि मुझे टिकट दिया जाए. ऐसा नहीं हुआ तो मैं निर्दलीय ही चुनाव लड़ूंगा. साथ ही कहा कि दूसरी पार्टी से भी अगर मुझे ऑफर आता है तो मैं दूसरी पार्टी में शामिल होऊंगा. उन्होंने पार्टी पर आरोप लगाया कि वसुंधरा (vasundhara raje) गुट को दरकिनार किया जा रहा है.

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भवानी सिंह राजावत ने कहा “मैं सर्वे में भी टॉप पर आ रहा हूं. विस्तारक भी कह रहे हैं कि आपके नाम की संभावना 85 फीसदी है. इसके बावजूद कल्पना देवी का नाम ऊपर किया जा रहा है. संगठन के लोग चमचे बने हुए हैं.”

बीजेपी नेतृत्व को लिखा पत्र

उन्होंने पार्टी को लिखे पत्र में कहा कि “मुझे लगातार 3 बार विधायक बनाने वाले ऐसे देवता स्वरूप कार्यकर्ताओं की दुर्दशा मैं नहीं देख सकता. इसलिए जन भावनाओं का आदर करते हुए मैंने भी लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र से पूर्ण निर्दलीय अथवा किसी अन्य दल के सिंबल पर चुनाव लड़ने का मन बना लिया है. साथ ही कहा कि मेरा आपसे अनुरोध है कि क्षेत्र में पार्टी के सर्वे में जनता की इच्छा के अनुरूप मुझे पार्टी का प्रत्याशी बनाने की कृपा करें. अन्यथा मुझे अपनी मां रूपी पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ने को विवश होना पड़ेगा.”

बता दें कि लाडपुरा से तीन बार विधायक रहे भवानी सिंह राजावत का टिकट पिछली बार कट गया था. उनकी बजाय पूर्व राज्य परिवार से जुड़ी कल्पना देवी को चुनावी मैदान में पार्टी ने मौका दिया था. जिसके बाद पिछले चुनाव में भी राजावत ने निर्दलीय पर्चा भरा था. लेकिन बाद में पर्चा उठा लिया था. उनका कहना था कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कहने पर नामांकन वापस ले लिया था.

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