Estimates of Phalodi’s betting market: राजस्थान (rajasthan election 2023) के जोधपुर (jodhpur news) जिले से करीब सवा सौ किमी दूर फलौदी के घर-घर में चौखटों पर सट्टा बाजार सज गया है. चौक-चौराहों और नुक्कड़ों पर ही राजस्थान की सियासत के दांव खेले जा रहे हैं. चाहे पूर्वी राजस्थान हो या पश्चिमी…उम्मीदवार जीत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. वहीं सट्टा बाजार में उनके सिर पर जीत का सेहरा सजेगा या हार का करना होगा सामाना, ये सब पूरे दावे के साथ बता दिया जा रहा है.
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कांग्रेस नेता और जाने-माने वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सोशल मीडिया पर सट्टा बाजार का जिक्र कर एक बार फिर इसके दावे और हकीकत पर चर्चा छेड़ दी है. अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट कर फलौदी के सट्टा बाजार की एक रिपोर्ट दी है जिसमें राजस्थान में कांग्रेस को 120 से 130 सीटें मिलते हुए बताया गया है. वहीं बीजेपी को 40-50 सीटों पर ही संतोष करना पड़ रहा है.
सट्टा बाजार की हकीकत
दरअसल इस बात को जांचने के लिए राजस्थान तक ने सट्टा बाजार को टटोला तो आंकड़े कुछ और ही कहते हुए नजर आए. दरअसल फलौदी के सट्टा बाजार में बीजेपी को भारी बहुमत से जिताते हुए बताया जा रहा है. यहां कांग्रेस पर सबसे ज्यादा 4 रुपए प्रति सीट का भाव लगाया गया है. वहीं बीजेपी पर प्रति सीट के हिसाब से 35 पैसे से लेकर ढाई रुपए तक का भाव है. ये भाव सीटों के हिसाब से है.
कम भाव के चांसेज ज्यादा
ऐसा माना जाता है कि फलौदी के सट्टा बाजार में जिसपर भाव कम होता है उसके जितने की संभावना प्रबल होती है. ज्यादा भाव वाली पार्टी के जितने के आसार काफी कम माने जाते हैं. फिलहाल सट्टा बाजार बीजेपी को 119-122 सीटें दे रहा है. वहीं कांग्रेस को महज 60-68 सीटें पर ही सिमटता हुआ बता रहा है और इसी के हिसाब से यहां सट्टा भी खेला जा रहा है.
फलौदी के सट्टा बाजार का दावा कितना सच
अब बात इस सट्टा बाजार के दावे और हकीकत की कर लेते हैं. अभिषेक मनु सिंघवी ने जो मैसेज सोशल मीडिया पर शेयर किया है उसमें लिखा है- ‘फलौदी का सट्टा बाजार आज तक कभी गलत साबित नहीं हुआ.’ ऐसे में हम पहले हुए चुनाव पर सट्टा बाजार के दावों की बात कर लेते हैं. सटोरियों ने मई में कर्नाटक के लिए जो अनुमान लगाया था वो सही निकला. कांग्रेस की सरकार बनी. कांग्रेस को 135 सीटें मिली जबकि अनुमान 137 सीटों का था. बीजेपी को 55 सीटों का अनुमान था और मिलीं 66 सीटें. फलौदी के सटोरिया का गुजरात में भी बीजेपी सरकार का अनुमान सही निकला. हिमाचल में कांटे की टक्कर का अनुमान भी रिजल्ट के करीब ही था. आखिरकार वहां कांग्रेस की सरकार बनी.
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