Ramesh Bidhuri’s political journey: लोकसभा में बसपा सांसद दानिश अली पर अशोभनीय टिप्पणी करने के बाद बीजेपी नेता रमेश बिधूड़ी (Ramesh Bidhuri) को पार्टी ने राजस्थान के टोंक (Tonk News) जिले का प्रभारी बनाया है. बीजेपी ने यह निर्णय ऐसे समय लिया है जब कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) टोंक से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. ऐसे में चुनाव से पहले एक गुर्जर नेता को टोंक का प्रभारी बनाने का बीजेपी का यह निर्णय काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि रमेश बिधूड़ी कौन हैं जो आजकल चर्चाओं में बने हुए हैं.
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टोंक जिले का प्रभारी बनने के बाद रमेश बिधूड़ी एक्शन मोड में नजर आए. उन्होंने जयपुर में टोंक की समन्वय बैठक में प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के साथ बैठक कर चुनावी कार्यक्रमों की जानकारी भी ली. इस संबंध में उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी साझा की है.
कौन हैं रमेश बिधूड़ी
रमेश बिधुड़ी गुर्जर नेता और साउथ दिल्ली से सांसद हैं. 18 जुलाई 1961 को दिल्ली के तुगलकाबाद में जन्मे बिधूड़ी की परवरिश और पढ़ाई-लिखाई इसी शहर में हुई. उन्होंने बीकॉम और एलएलबी की पढ़ाई की है. वह अपना प्रोफेशन वकील, बिजनेस, किसान और सोशल वर्कर बताते हैं. अस्सी के दशक में दिल्ली यूनिवर्सिटी के भगत सिंह कॉलेज में स्टूडेंट पॉलिटिक्स के जरिए वह एबीवीपी के संपर्क में आए. फिर 3 बार विधायक और 2 बार सांसद बने. 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने ‘आप’ नेता राघव चड्ढा को साढ़े 3 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था. वह शहरी विकास, ओबीसी कल्याण, श्रम और रोजगार से संबंधित कई समितियों में भी शामिल रहे. ऐसा माना जाता है कि बिधूड़ी और उनके परिवार ने साउथ दिल्ली में आरएसएस के विस्तार में बड़ी भूमिका निभाई है.
रमेश बिधूड़ी को इसलिए बनाया गया टोंक का प्रभारी?
कांग्रेस नेता सचिन पायलट का गढ़ माने जाने वाले राजस्थान के टोंक में गुर्जरों का प्रभाव है. 2018 के चुनाव में टोंक सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार सचिन पायलट को 63.56% वोट मिले थे. वहीं बीजेपी के यूनुस खान को महज 31.98% मत मिले. लेकिन अब माना जा रहा है कि पायलट को सीएम नहीं बनाने से गुर्जरों में नाराजगी है. रमेश बिधूड़ी भी गुर्जर जाति से ही ताल्लुक रखते हैं. इसलिए बीजेपी विधानसभा चुनाव में इस मौके को भुनाना चाहती है. यही वजह है कि पायलट के गढ़ में चुनावी रणनीति बनाने के लिए एक गुर्जर नेता को ही इस बार जिम्मेदारी सौंपी गई है.
क्या है बिधूड़ी और बसपा सांसद का विवाद
बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने लोकसभा में चंद्रयान-3 की चर्चा के दौरान बसपा सांसद दानिश अली के खिलाफ अशोभनीय शब्दों का प्रयोग किया था. विवाद बढ़ने पर बीजेपी ने बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है. उन्हें पार्टी की अनुशासन समिति को 15 दिन में नोटिस का जवाब देना होगा. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बिधूड़ी के इस बयान की निंदा की है. वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने भी उन्हें भविष्य में ऐसा व्यवहार करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है.
विवादों से है पुराना नाता
बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी का विवादों से नाता नया नहीं है. वह पहले भी कई बार विवादित बयान दे चुके हैं. सितंबर 2022 में स्कूल की समस्या को लेकर कुछ लोग उनके पास पहुंचे थे. तब बिधूड़ी ने उनसे कहा था कि बच्चे क्यों पैदा किए फिर? इससे पहले साल 2021 में उन्होंने कहा था, “जहां भी मुसलमान अल्पसंख्यक होते हैं वहां मानवाधिकारों की बात होती है. और जहां ये बहुमत में आ जाते हैं वहां खूनखराबा शुरू हो जाता है.”
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