राहुल गांधी की जाति को लेकर राजस्थान के कोर्ट में इस्तगासा, सुनवाई 23 को

Rahul Gandhi's caste issue reached court: राजस्थान हाईकोर्ट के वकील विजय कलंदर ने राहुल गांधी की जाति को लेकर कोर्ट में इस्तगासा पेश किया है.

NewsTak

राजस्थान तक

19 Feb 2024 (अपडेटेड: 20 Feb 2024, 11:56 AM)

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Rahul Gandhi's caste issue reached court: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की जाति को लेकर एक बार फिर से बवाल मच गया है. इसे लेकर न्यायालय महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-11 जयपुर महानगर द्वितीय में 19 फरवरी को इस्तगासा पेश हुआ है. राजस्थान हाईकोर्ट के वकील विजय कलंदर ने आईपीसी की धारा 419, 153ए, 295ए और 505 में कार्रवाई करने की मांग करते हुए इस्तगासा दायर किया है. मामले की अगली सुनवाई 23 फरवरी 2024 को होगी. 

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मामले को लेकर एडवोकेट विजय कलंदर का कहना है कि ”राहुल गांधी अपने कई बयानों में खुद को कश्मीरी कौल ब्रह्माण और दत्तात्रेय गौत्र का बताते आए हैं. जबकि उनके दादा और स्वतंत्रता सेनानी फिरोज गांधी गैर हिंदू परिवार से थे. माननीय भारतीय न्यायालय का स्पष्ट निर्देश है कि बच्चे की जाति वही होगी, जो उसके पिता की होगी और उसे बदला नहीं जा सकता. इस हिसाब से राजीव गांधी और राहुल गांधी की जाति भी वही होगी जो फिरोज गांधी की है. ऐसे में राहुल गांधी ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए अपनी जाति छिपाकर लोगों को गुमराह किया है. इसलिए अपनी जाति छिपाकर काम करने के लिए उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.”

 

 

राहुल गांधी की यात्रा को रोके जाने की कर चुके हैं मांग

भारत जोड़ो न्याय यात्रा में राहुल गांधी ने पीएम मोदी की जाति को लेकर कहा था कि मोदी जन्म से ओबीसी नहीं हैं और उन्हें ओबीसी गुजरात की भाजपा सरकार ने बनाया है. राहुल गांधी के इस बयान को लेकर एडवोकेट विजय कलंदर ने कहा था कि "उनका यह बयान देश की एकता और अखंडता के लिए बड़ा खतरा है और इससे हजारों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं." एडवोकेट विजय कलंदर ने इस बयान के बारे में राजस्थान के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और जयपुर पुलिस कमिश्नर के यहां परिवाद देकर भारत जोड़ो न्याय यात्रा को रोके जाने की भी मांग की थी.

अधीर रंजन चौधरी के खिलाफ भी दर्ज करवा चुके हैं परिवाद

जुलाई 2022 में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ‘राष्ट्रपत्नी’ कहकर संबोधित कर दिया था जिस पर जमकर बवाल मचा था. उनके इस बयान को लेकर एडवोकेट विजय कलंदर ने भी जयपुर के गलता गेट पुलिस थाने में परिवाद दिया था. डेढ़ साल से ज्यादा समय गुजर जाने के बावजूद अभी तक उस मामले में जांच लंबित है. इस बयान को लेकर उन्होंने कोर्ट में भी इस्तगासा पेश किया था लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी कोर्ट ने अभी तक इस संबंध में कोई ऑर्डर जारी नहीं किया है.

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