Rajasthan: बालोतरा हाईवे पर ट्रेलर-स्कॉर्पियो की टक्कर से 4 दोस्त जिंदा जले, कलेक्टर ने घटना पर क्या कहा?

जैसलमेर बस अग्निकांड के बाद राजस्थान में एक और भीषण सड़क हादसा हुआ है. बालोतरा के सिणधरी हाईवे पर ट्रेलर और स्कॉर्पियो की टक्कर के बाद वाहनों में आग लग गई.

rajasthan
rajasthan

दिनेश बोहरा

follow google news

Rajasthan News: राजस्थान में सड़क हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. जैसलमेर बस अग्निकांड का दर्द अभी लोगों के दिलों में ताजा ही था कि बालोतरा जिले के सिणधरी इलाके में एक और भयानक हादसा हो गया. यहां मेगा हाईवे पर ट्रेलर और स्कॉर्पियो के बीच जोरदार भिड़ंत के बाद दोनों गाड़ियों में भीषण आग लग गई. इस हादसे में स्कॉर्पियो में सवार पांच दोस्तों में से चार की जलकर दर्दनाक मौत हो गई. एक युवक गंभीर रूप से झुलस गया है. उसका इलाज चल रहा है.

Read more!

पुलिस के अनुसार, हादसा सिणधरी थाने के सड़ा गांव के पास रात करीब 1:30 बजे हुआ. स्कॉर्पियो बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी तहसील के डाबड़ गांव के रहने वाले पांच दोस्तों का था. ये दोस्त सिणधरी घूमने गए थे. रात करीब 12 बजे वे अपने गांव लौट रहे थे. घर से महज 30 किलोमीटर दूर हाईवे पर सामने से आ रहे ट्रेलर से उनकी गाड़ी टकरा गई. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि पहले आग भड़क उठी. फिर विस्फोट जैसी स्थिति बन गई. दोनों वाहन धू-धू से जलने लगे.

आग की लपटें देखीं तो दौड़ पड़े ग्रामीण

आसपास के ग्रामीणों ने आग की लपटें देखीं तो दौड़ पड़े. लेकिन तब तक आग ने विकराल रूप ले लिया था. गांव वालों ने तुरंत फायर ब्रिगेड और पुलिस को खबर की. पुलिस ने झुलसे हुए एक व्यक्ति को एंबुलेंस से सिणधरी अस्पताल पहुंचाया. आग पर काबू करने के लिए फायर ब्रिगेड की टीम को करीब एक घंटे की मशक्कत करनी पड़ी. टीम को चारों दोस्तों के अधजले शव बरामद कर उन्हें सिणधरी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया.

मृतकों में 35 वर्षीय मोहनसिंह (धूड़ सिंह का पुत्र), 20 वर्षीय शंभू सिंह (दीपसिंह का पुत्र), 22 वर्षीय पांचाराम (लुंबाराम का पुत्र) और 28 वर्षीय प्रकाश (सांपाराम का पुत्र) शामिल हैं. स्कॉर्पियो चला रहे दिलीपसिंह गंभीर रूप से घायल हैं. डॉक्टरों का कहना है कि उनकी हालत नाजुक बनी हुई है.

कलेक्टर ने घटना पर क्या कहा?

बालोतरा जिला कलेक्टर सुशील कुमार ने बताया कि शव इतने बुरी तरह जले हैं कि चेहरा पहचानना मुश्किल है. ऐसे में डीएनए टेस्ट से ही इनकी पहचान होगी. इसके बाद शव परिजनों को सौंपे जाएंगे. कलेक्टर ने कहा कि सभी विभाग मौके पर हैं. पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद दी जा रही है.

प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि इस हाईवे पर रोज हादसे होते रहते हैं. यहां न तो तुरंत मेडिकल सुविधा है और न ही फायर ब्रिगेड की त्वरित मदद. एक ग्रामीण ने कहा, "अगर फायर ब्रिगेड समय पर पहुंच जाती तो शायद चारों जिंदगी बचा ली जाती." हादसे के बाद हाईवे पर दोनों ओर भारी जाम लग गया. पुलिस ने वाहनों को हटाकर करीब एक घंटे बाद रास्ता साफ किया.
 

    follow google news