Rajasthan: IAS बेटे ने पिता के रिटायरमेंट के बाद किया कुछ ऐसा काम...हर तरफ हो रही चर्चा

Rajasthan: राजस्थान में IAS सांवरमल वर्मा के रिटायरमेंट की चर्चाएं हर तरफ हो रही है. सांवरमल वर्मा हाल ही में भरतपुर संभागीय आयुक्त के पद से रिटायर हुए हैं. लेकिन चर्चा उनके रिटायरमेंट के बाद जारी किए गए एडिशनल चार्ज के आदेश की हो रही है.

 IAS Kanishka Kataria
IAS Kanishka Kataria

ललित यादव

02 Oct 2024 (अपडेटेड: 02 Oct 2024, 04:26 PM)

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Rajasthan: राजस्थान में IAS सांवरमल वर्मा के रिटायरमेंट की चर्चाएं हर तरफ हो रही है. सांवरमल वर्मा हाल ही में भरतपुर संभागीय आयुक्त के पद से रिटायर हुए हैं. लेकिन चर्चा उनके रिटायरमेंट के बाद जारी किए गए एडिशनल चार्ज के आदेश की हो रही है. दिलचस्प बात यह है कि उनके रिटायरमेंट होने के बाद, उनके स्थान पर एडिशनल चार्ज देने के आदेश पर हस्ताक्षर उनके बेटे, आईएएस कनिष्क कटारिया के हैं.

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कनिष्क कटारिया वर्तमान में राजस्थान के कार्मिक विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत हैं. आईएएस, आईपीएस, और आरएएस अधिकारियों के ट्रांसफर, रिटायरमेंट और अन्य सेवा से संबंधित आदेशों पर संयुक्त सचिव द्वारा ही हस्ताक्षर किए जाते हैं. इसी प्रक्रिया के तहत, 30 सितंबर को सांवरमल वर्मा के रिटायरमेंट के समय उनके पदभार को अतिरिक्त संभागीय आयुक्त को सौंपने के आदेश पर उनके बेटे कनिष्क ने हस्ताक्षर किए.

2018 में प्रमोट हुए थे सांवरमल

यह भी गौर करने वाली बात है कि सांवरमल वर्मा प्रमोटी आईएएस अधिकारी हैं, जो राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) से आईएएस बने, जबकि उनके बेटे कनिष्क कटारिया ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की 2018 की सिविल सेवा परीक्षा में टॉप किया था. पिता-पुत्र दोनों का आईएएस बनने का सफर भी कुछ महीनों के अंतराल में ही पूरा हुआ. सांवरमल वर्मा को 2018 में आरएएस से प्रमोशन मिला और उसी साल उनके बेटे कनिष्क ने सिविल सेवा परीक्षा में टॉप करके 2019 बैच के आईएएस अधिकारी के रूप में पदभार संभाला.

कौन हैं कनिष्क कटारिया 

कनिष्क कटारिया की शैक्षिक पृष्ठभूमि भी काफी प्रभावशाली है. आईएएस बनने से पहले उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में बीटेक किया था. बीटेक के बाद उन्हें विदेश में 1 करोड़ रुपए के सालाना पैकेज का नौकरी का ऑफर मिला था, लेकिन उन्होंने कुछ समय तक नौकरी करने के बाद इस्तीफा देकर भारत लौटने का फैसला किया. यहां आकर उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की और पहले ही प्रयास में टॉप करके आईएएस अधिकारी बन गए.

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