राजस्थान निकाय चुनाव पर घमासान, सरकार और चुनाव आयोग आमने-सामने, मंत्री बोले- 'चुनाव दिसंबर में ही होंगे'

राजस्थान में शहरी निकाय चुनावों की तारीख को लेकर भजनलाल सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के बीच खींचतान तेज हो गई है. सरकार 'वन स्टेट, वन इलेक्शन' की तर्ज पर सभी निकायों के चुनाव एक साथ दिसंबर में कराने की बात कह रही है.

bhajanlal sharma
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NewsTak

• 10:58 AM • 21 Aug 2025

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राजस्थान में शहरी निकाय चुनावों की तारीख को लेकर भजनलाल सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के बीच खींचतान तेज हो गई है. एक तरफ जहां निर्वाचन आयोग जल्द से जल्द चुनाव कराने की तैयारी में है, वहीं सरकार 'वन स्टेट, वन इलेक्शन' की तर्ज पर सभी निकायों के चुनाव एक साथ दिसंबर में कराने की बात कह रही है. अब इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के अलग-अलग बयान से टकराव की स्थिति बन गई है. 

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सरकार दिसंबर में चुनाव कराने पर अड़ी

शहरी विकास मंत्री (UDH) झाबर सिंह खर्रा ने मंगलवार को कहा कि हम सभी 309 शहरी निकायों के चुनाव इसी साल दिसंबर में एक साथ करवाएंगे. हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार हमारे पास फरवरी तक का समय है लेकिन हम दिसंबर में ही यह प्रक्रिया पूरी कर लेंगे.

जब उनसे पूछा गया कि अगर चुनाव आयोग जल्द ही चुनावी कार्यक्रम जारी कर देता है तो क्या होगा, इस पर उन्होंने कहा, "आयोग को जो करना है, वो करेगा और हमें जो करना होगा, हम करेंगे. हमने हाईकोर्ट के आदेश की प्रमाणित प्रति मंगवाई है, जिसके बाद हम उचित कदम उठाएंगे."

चुनाव आयोग की राय अलग

बीते दिनों पहले ही राज्य निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता ने स्पष्ट किया था कि जिन भी नगर पालिकाओं और पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल पूरा हो चुका है या अगले दो महीने में होने वाला है, वहां चुनाव कराए जाएंगे. उन्होंने हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करने की बात कही थी और 'वन स्टेट, वन इलेक्शन' को फिलहाल लागू करना अव्यावहारिक बताया था. 

परिसीमन का काम पूरा

मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने जानकारी दी कि वार्डों के परिसीमन का काम लगभग पूरा हो चुका है. उन्होंने कहा परिसीमन की फाइल एक-दो दिन में आगे भेज दी जाएगी और उम्मीद है कि सप्ताह भर के अंदर इसकी अधिसूचना भी जारी हो जाएगी.

पंचायती राज चुनावों में असली पेंच

हालांकि, सरकार मानती है कि पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव एक साथ कराने में तकनीकी दिक्कतें हैं. मंत्री खर्रा ने कहा, पंचायतों के चुनाव में सबसे बड़ी समस्या यह है कि कुछ का कार्यकाल 2026 में खत्म हो रहा है तो कुछ का 2027 में. ऐसे में इनके चुनाव एक साथ कैसे हों, इस पर मंथन चल रहा है."

वहीं, खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने पिछली गहलोत सरकार पर पंचायती राज व्यवस्था को बिगाड़ने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, हमारी सरकार समय पर चुनाव कराने के लिए संकल्पित है और 'वन स्टेट, वन इलेक्शन' के तहत ही चुनाव कराएगी."

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