Rajasthan Panchayat Elections: राजस्थान में पंचायती राज और स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं. मंत्रिस्तरीय समिति ने ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों के परिसीमन की रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया है. जानकारी के अनुसार, यह रिपोर्ट अब जल्द ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सौंपी जाएगी. इस प्रक्रिया के तहत नई ग्राम पंचायतों के गठन के लिए 2,000 से 3,000 प्रस्ताव और पंचायत समितियों के लिए 115 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं.
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परिसीमन में देरी से बढ़ा असंतोष
राज्य सरकार ने परिसीमन की प्रक्रिया को 4 जून तक पूरा करने का लक्ष्य रखा था लेकिन समय सीमा बीतने के 2 महीने बाद भी पंचायत और स्थानीय निकाय चुनावों की तारीखें अब तक तय नहीं हो सकीं. प्रदेश की 6,500 से अधिक ग्राम पंचायतों और 50 से ज्यादा नगर निकायों का कार्यकाल पहले ही खत्म हो चुका है. जनवरी 2025 में पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद सरकार ने सरपंचों को प्रशासक नियुक्त किया था, जिसे राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. जिसके बाद कोर्ट ने सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग से चुनावों की तारीखों पर स्पष्ट जवाब मांगा था.
'वन स्टेट-वन इलेक्शन' की ओर कदम
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने पहले संकेत दिए थे कि परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद दिसंबर 2025 तक पंचायती राज और शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं. यह कदम 'वन स्टेट-वन इलेक्शन' की नीति के तहत उठाया जा रहा है, ताकि प्रशासनिक संसाधनों का बेहतर उपयोग हो और खर्च कम हो.
जनता में बेसब्री, देरी से नाराजगी
पंचायत और स्थानीय निकाय चुनावों में हो रही देरी से जनता में असंतोष बढ़ रहा है. अप्रैल में सरकार ने हाईकोर्ट में दावा किया था कि मई-जून तक परिसीमन पूरा हो जाएगा, लेकिन यह प्रक्रिया अब तक लंबित है. प्रदेश की जनता इन चुनावों का बेसब्री से इंतजार कर रही है, क्योंकि स्थानीय प्रशासन के अभाव में कई विकास कार्य रुके हुए हैं.
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