राजस्थान में निकाय-पंचायत चुनाव की उलटी गिनती शुरू, 1-2 दिन में तारीखों का ऐलान!

Rajasthan Panchayat Elections 2025:  राजस्थान में शहरी निकाय और पंचायतीराज चुनावों को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. राज्य निर्वाचन आयोग अगले एक-दो दिनों में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है.

Rajasthan Panchayat Chunav
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NewsTak

• 05:03 PM • 20 Aug 2025

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Rajasthan Panchayat Elections 2025:  राजस्थान में शहरी निकाय और पंचायतीराज चुनावों को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. राज्य निर्वाचन आयोग अगले एक-दो दिनों में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है. राज्य निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान हाईकोर्ट के हालिया निर्देशों के बाद आयोग ने चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं.

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हाईकोर्ट की सख्ती का असर

बीते दिन सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने प्रदेश में पंचायतीराज और निकाय चुनावों में देरी पर नाराजगी जताई थी. इस दौरान जस्टिस अनूप ढंड की अदालत ने कहा कि परिसीमन के बहाने चुनावों को टाला नहीं जा सकता. कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद-243ई और राजस्थान पंचायतीराज अधिनियम की धारा-17 का हवाला देते हुए निर्देश दिया कि पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने से पहले ही चुनाव प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए.  

अदालत ने यह भी कहा कि चुनाव में देरी से स्थानीय शासन में रिक्तता पैदा होती है, जिससे जनता को मिलने वाली सेवाएं प्रभावित होती हैं. कोर्ट ने सरकार को जल्द से जल्द चुनाव कराने और निलंबित पंचायत प्रशासकों को उचित प्रक्रिया के बिना हटाए जाने के फैसले को रद्द करने का आदेश दिया. 

'वन नेशन वन इलेक्शन' पर क्या बोले आयुक्त? 

राज्य निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता ने 'वन नेशन वन इलेक्शन' को स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि इसके लिए संवैधानिक संशोधन की जरूरत है, जो अभी संभव नहीं है. इसलिए, आयोग हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुसार ही चुनाव कराएगा. 

पांच साल में चुनाव जरूरी

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव हर पांच साल में कराना अनिवार्य है. विशेष परिस्थितियों में इसे अधिकतम छह महीने तक टाला जा सकता है. आयोग अब इस आदेश का पालन करते हुए जल्द ही तारीखों का ऐलान करने की तैयारी में है. 

पंचायतों का कार्यकाल खत्म, प्रशासकों पर विवाद

प्रदेश की 6,759 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल जनवरी 2025 में खत्म हो चुका है. इसके बाद सरकार ने पूर्व सरपंचों को प्रशासक नियुक्त किया था. हालांकि, भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोपों में कई प्रशासकों को हटा दिया गया था. अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद इन प्रशासकों को बहाल करने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है.

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