Rajasthan Politics: राजस्थान में बीजेपी पार्टी को मिली हार के बाद पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. प्रदेश के बड़े नेता लगातार दिल्ली का दौरा कर रहे हैं. बीते दिनों पहले सीएम भजनलाल के अलावा राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Singh Rathore) और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया दिल्ली पहुंचे. इस मुलाकात के बाद प्रदेश नेतृत्व को बदलने की बात कही जा रही थी. लेकिन शुक्रवार को राजेंद्र राठौड़ ने इसे खारिज कर दिया.
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चूरू में धन्यवाद सभा के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि चूरू में बीजेपी की हार की नैतिक जिम्मेदारी मेरी है. कोई भी त्रुटि रही उसकी जिम्मेदारी मैं लेता हूं.
प्रदेशाध्यक्ष बनने पर दी ये प्रतिक्रिया
प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने के सवाल पर राठौड़ ने कहा मैं इस रेस में बिल्कुल नहीं हूं. मेरा अधिकार भी नहीं है. राठौड़ ने कहा कि मैंने आज कार्यकर्ता की सभा में भी कहा है कि इस हार के बाद नेतृत्व भी हमारे दूसरे नेता करें और हमें सामान्य कार्यकर्ता के रूप में जहां भी काम करने का अवसर मिलेगा वहां काम करेंगे. आगे की प्लानिंग पर राठौड़ ने कहा कि एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में काम करूंगा और मुख्यमंत्री भजनलाल के मन में मेरे लिए जो आदर भाव है उसका उपयोग करते हुए चूरू के विकास के लिए कोई कसर नहीं रखेंगे.
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'हार की जिम्मेदारी मेरी'
पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने कहा मैंने हमेशा 36 कौम को साथ लेकर चलने का काम किया है, कल तक जो हमारी पार्टी का हिस्सा थे आज वो इस वातावरण को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. हम इसे खराब नहीं होने देंगे. मैं इस हार की जिम्मेदारी स्वीकार करता हूं, कोई भी त्रुटि रही उसे मैं अपनी मानता हूं.
राहुल कास्वा का टिकट काटना पड़ा भारी
आपको बता दें चूरू से बीजेपी ने सांसद राहुल कास्वा का टिकट काटकर देवेंद्र झाझड़िया को दे दिया था. जिसके बाद राहुल कास्वां ने राजेंद्र राठौड़ पर टिकट काटने का आरोप लगाया था. टिकट कटने से नाराज राहुल कास्वां ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और 72 हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की.
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