पूर्व सीएम गहलोत की इस योजना पर अब भजनलाल सरकार ने लगा दिया ब्रेक, अब उठने लगे सवाल!

Rajasthan schemes: राजस्थान में सत्ता बदलने के बाद अब चर्चाएं पूर्ववर्ती गहलोत सरकार की योजनाओं (Rajasthan schemes) को लेकर हैं. इन योजनाओं को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कांग्रेस के नेता सरकार से सवाल पूछ रहे हैं. सवाल इसी बात को लेकर है कि क्या योजनाएं बीजेपी सरकार में भी चालू रहेगी. अब इसमें से […]

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राजस्थान तक

26 Dec 2023 (अपडेटेड: 26 Dec 2023, 04:44 AM)

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Rajasthan schemes: राजस्थान में सत्ता बदलने के बाद अब चर्चाएं पूर्ववर्ती गहलोत सरकार की योजनाओं (Rajasthan schemes) को लेकर हैं. इन योजनाओं को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कांग्रेस के नेता सरकार से सवाल पूछ रहे हैं. सवाल इसी बात को लेकर है कि क्या योजनाएं बीजेपी सरकार में भी चालू रहेगी. अब इसमें से एक योजना भजनलाल सरकार ने बंद कर दी है.

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राजस्थान सरकार ने राजीव गांधी युवा मित्र कार्यक्रम बंद कर दिए है. गहलोत सरकार और कांग्रेस की योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए इन स्कीम के तहत युवाओं की भर्ती की जा रही थी. सरकारी पैसे पर नौकरी पर हर जिले में रखे गए थे. इनकी संख्या करीब दस हजार थी. राजस्थान सरकार के सांख्यिकी विभाग द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप योजना (आरजीवाईएमआईएस) को 31 दिसंबर, 2023 से तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा. यह योजना वित्तीय वर्ष में शुरू की गई थी.

यहां जानिए इस योजना के बारे में

अर्थशास्त्र और सांख्यिकी विभाग के अनुसार इस योजना का उद्देश्य लोगों के दरवाजे पर शासन सेवाओं के बारे में जागरूक करने के लिए राजीव गांधी युवा मित्र (आरवाईएम) नामक बौद्धिक और स्व-प्रेरित युवाओं का एक समूह विकसित करना था. इस कोर को बनाने के पीछे मूल विचार सरकार में लोगों के बीच विश्वास पैदा करना और यह देखना है कि उनकी बुनियादी ज़रूरतें उनके दरवाजे पर पूरी हो. योजना में नामांकित लोगों को 10 हजार रुपए तक महीने का भुगतान दिया जाता था. सरकार ने इस योजना के माध्यम से लगभग 50 हजार युवाओं का नामांकन किया था.

गहलोत ने दी ये प्रतिक्रिया

इस मामले पर गहलोत ने भी ट्वीट कर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप कार्यक्रम में सरकार की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने के लिए कार्य कर रहे करीब 5 हजार युवाओं की सेवाएं समाप्त करना उचित नहीं है. ये युवा सरकार की योजनाओं के बारे में जागरुक हैं और सरकार की काफी मदद कर रहे हैं. नई सरकार को इस योजना के नाम से परेशानी थी तो राजीव गांधी सेवा केन्द्रों की भांति नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर कर सकती थी. पूर्व सीएम ने कहा “जबकि प्रदेशवासी जानते हैं कि पिछले कार्यकाल में BJP सरकार की ओर से अस्थायी तौर पर लगाए गए पंचायत सहायकों को हमारी सरकार ने स्थायी कर उनका वेतन बढ़ाया था. ऐसी ही सकारात्मक सोच से नई सरकार को भी राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप कार्यक्रम को जारी रखना चाहिए.”

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