'घोड़ी पर दूल्हा बनकर बैठे CM भजनलाल..बैंड-बाजे पर नाचे मंत्री', देवशयनी एकादशी के बाद जयपुर में छात्रों ने निकाली अनूठी बारात!

Rajasthan University Baraat: राजस्थान यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव बहाल करने की मांग को लेकर छात्रों ने शनिवार को अनोखा प्रदर्शन किया. बैंड-बाजे और घोड़ी के साथ निकाली गई इस सांकेतिक बारात ने सबका ध्यान खींचा. ‘लोकतंत्र की विदाई’ नाम से आयोजित इस प्रदर्शन में एक छात्र ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का मुखौटा पहनकर घोड़ी पर सवारी की.

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न्यूज तक

• 09:08 AM • 13 Jul 2025

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Rajasthan University Baraat: राजस्थान यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव बहाल करने की मांग को लेकर छात्रों ने शनिवार को अनोखा प्रदर्शन किया. बैंड-बाजे और घोड़ी के साथ निकाली गई इस सांकेतिक बारात ने सबका ध्यान खींचा. ‘लोकतंत्र की विदाई’ नाम से आयोजित इस प्रदर्शन में एक छात्र ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का मुखौटा पहनकर घोड़ी पर सवारी की, जबकि अन्य छात्रों ने मंत्रियों के मुखौटे पहनकर ढोल-नगाड़ों पर डांस किया. इस अनूठे विरोध ने सरकार पर तंज कसते हुए छात्रों के गुस्से को जाहिर किया.

पुलिस भी रह गई हैरान

राजस्थान यूनिवर्सिटी परिसर में बैंड-बाजे और घोड़ी देखकर पहले तो पुलिस भी चौंक गई. हालांकि, जब प्रदर्शन का मकसद समझ आया, तो पुलिस ने छात्रों को विश्वविद्यालय के गेट पर ही रोक दिया. छात्र नेता अभिषेक चौधरी के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में छात्र शामिल हुए. सभी के हाथों में ‘सरकार की बारात’ और ‘लोकतंत्र की विदाई’ लिखी तख्तियां थीं. 

छात्रों का गुस्सा, सरकार पर सवाल

छात्र नेता अभिषेक चौधरी ने कहा, “यह बारात सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि छात्रों के गुस्से और निराशा का प्रतीक है. सरकार ने बार-बार छात्रसंघ चुनाव टालकर लोकतंत्र का अपमान किया है.” उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री को प्रतीकात्मक दूल्हा बनाकर और मंत्रियों को बारात में शामिल कर यह दिखाया गया कि सत्ताधारी तंत्र लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर कर रहा है. यह प्रदर्शन सरकार के लिए एक चेतावनी है कि छात्र अब चुप नहीं रहेंगे.

छात्रसंघ चुनाव क्यों हैं जरूरी?

छात्रों का कहना है कि छात्रसंघ चुनाव युवाओं को नेतृत्व, सवाल पूछने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हिस्सा लेने का मौका देते हैं. लेकिन सरकार द्वारा इन चुनावों को बार-बार टालने से न केवल शिक्षा की भावना को ठेस पहुंच रही है, बल्कि युवा पीढ़ी को राजनीतिक रूप से कमजोर करने की कोशिश हो रही है. अभिषेक ने चेतावनी दी, “आज यह प्रतीकात्मक बारात है, लेकिन अगर सरकार नहीं जागी, तो यह गुस्सा सड़कों पर और बड़े रूप में सामने आ सकता है.”

सरकार पर बढ़ा दबाव

यह प्रदर्शन राजस्थान यूनिवर्सिटी के इतिहास में एक यादगार घटना बन गया है. छात्रों ने इस अनूठे तरीके से सरकार को आईना दिखाने की कोशिश की है. अब देखना यह है कि क्या सरकार इस मांग पर ध्यान देगी या छात्रों का यह आंदोलन और तेज होगा.

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