राजेंद्र राठौड़ ने अहंकारी रावण से की डोटासरा की तुलना, बोले- पेपरलीक की राजधानी बन गया लक्ष्मणगढ़

Rajendra rathore on dotasara: नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ (rajendra rathore) और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा (govind singh dotasara) एक-दूसरे पर लगातार हमलावर नजर आते हैं. दोनों ही नेताओं की बयानबाजी सुर्खियों में है. ऐसा ही एक बयान नेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने बीजेपी (bjp) की परिवर्तन संकल्प यात्रा के दौरान दिया. जब सीकर पहुंचने पर […]

राजेंद्र राठौड़ बोले- हर 15 दिन में CM आवास पर जाता था कटारा, SI के इंटरव्यू भी इन्होंने लिए

राजेंद्र राठौड़ बोले- हर 15 दिन में CM आवास पर जाता था कटारा, SI के इंटरव्यू भी इन्होंने लिए

Rajendra rathore on dotasara: नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ (rajendra rathore) और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा (govind singh dotasara) एक-दूसरे पर लगातार हमलावर नजर आते हैं. दोनों ही नेताओं की बयानबाजी सुर्खियों में है. ऐसा ही एक बयान नेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने बीजेपी (bjp) की परिवर्तन संकल्प यात्रा के दौरान दिया. जब सीकर पहुंचने पर लक्ष्मणगढ़ में यात्रा का स्वागत किया गया तो इसी दौरान यात्रा की सभा भी हुई. जिसमें पार्टी कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद रहे. राठौड़ ने डोटासरा को आड़े हाथ लेते हुए उन पर कई आरोप लगाए. बीजेपी नेता ने कहा कि राजस्थान में अब लक्ष्मणगढ़ को पेपरलीक की राजधानी के नाम से पहचाना जाता है.

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सीकर में लक्ष्मणगढ़ की सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता बीजेपी-आरएसएस को बिल में घुसेड़ने की बात करते हैं. लेकिन अब लक्ष्मणगढ़ में महरिया, रणवा और दिनेश जोशी तीनों एक साथ है. यह उन्हें बिल में घुसेडने का काम करेंगे.

राठौड़ ने कहा कि जब रीट भर्ती परीक्षा हुई तो सरकार उसे रीट उत्सव बता रही थी. उस वक्त कोई समझ नहीं पाया कि सरकार आखिर करना क्या चाह रही है. जब पेपर लीक हुआ तो यह बात सभी के समझ आ गई. क्योंकि सरकार के लिए तो वह उत्सव ही था, जिसमें उनके लिए पैसों की बारिश हुई.

उन्होने कहा कि सरकार कर्ज माफी की बात करती है, लेकिन सबसे ज्यादा नोटिस शेखावाटी में किसानों को मिले हैं. यह सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है. आज पेपर लीक की राजधानी के नाम से लक्ष्मणगढ़ को पहचाना जाता है. यहीं से विधायक अहंकारी रावण डोटासरा है, जो लगातार बीजेपी को बिल में घुसेड़ने की बात करते हैं. उन्हें इस बार चुनाव में पता चल जाएगा कि कौन किसे बिल में घुसेड़ता है.

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