Rajnath Singh In Udaipur: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को उदयपुर में महाराणा प्रताप की चेतक आरूढ़ प्रतिमा का लोकार्पण किया. इससे पहले वह दिल्ली से उदयपुर के डबोक एयरपोर्ट पहुंचे. यहां से सड़क मार्ग से राजनाथ सिंह जर्नादन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ पहुंचे. विश्वविद्यालय में रक्षा मंत्री को कैडेट्स की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
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राजनाथ सिंह का मेवाड़ी परंपरा के अनुसार स्वागत किया गया. इसके बाद वे विश्वविद्यालय के 16वें दीक्षांत समारोह में शिरकत करने के लिए निकल गए. समारोह में राजनाथ सिंह 32 छात्रों को पीएचडी की उपाधि और 14 स्वर्ण पदक प्रदान की.
अलकायदा को लेकर कही बड़ी बात
इस दौरान दीक्षांत समारोह में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने बड़े ही आध्यात्मिक और कहानियों के माध्यम से अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि इन्फोसिस और अलकायदा दोनों का अपना मिशन होता है. एक की भूमिका समाज के लिए कल्याणकारी जबकि दूसरे की विनाश है. इसलिए मनुष्य की भूमिका जरूरी है. उन्होंने एक लेखक की बात का हवाला देते हुए कहा कि इन दोनों में ही युवा काम करते लेकिन दोनों का अपना-अपना मिशन होता है. राजनाथ सिंह ने कहा कि मंदिर में बैठकर पूजा करना मस्जिद में इबादत करना ही आध्यात्मिक नहीं है. बड़ा मन होना अध्यात्म है. गणित से जुड़े उदाहरण साझा किया जाए. मन जितना बड़ा होगा, सुख उतना ही बड़ा होगा. यही परमानंद है.
देश की अर्थव्यवस्था को लेकर दिया बयान
इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि देश लगातार उन्नति और प्रगति की ओर है. इसी का कारण है कि इस वक्त भारत 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. 7-8 वर्षों में 10-11वें से 5वें स्थान पर आ गया है. उन्होंने कहा कि 2027 तक भारत दुनिया में टॉप 3 में होगा. आज भारत अगर अपनी कोई बात बोलता है तो दुनिया उसे बड़ी गंभीरता से सुनता है.
सबसे तेजी से ग्रोथ हो रही
दुनिया के लोग भारत में अपने सपने देख रहे हैं. पहले अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत को कभी गंभीर नहीं लेता था. आज हैसियत बढ़ी है. कान खोलकर हर कोई सुनता है कि भारत क्या बोल रहा है. सबसे ज्यादा भूमिका नौजवानों की है. हम टॉप 5 में हैं. उद्यमियता का भाव, टॉप के कदम चाहिए. बिजनेस सेटअप में जो किया जाना चाहिए वो हो रहा है. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में 65% हनुमान जैसे तेजस्वी युवा है.
महापुरुषों को किया याद
उन्होंने मेवाड़ की तारीफ करते हुए कहा कि पन्नाधाय की भक्ति महाराणा प्रताप का स्वाभिमान और भामाशाह की संपत्ति स्वभाविक रूप से राजस्थान आने पर हमारे ध्यान में आती है. उन्होंने कहा कि इन महान पुरुषों की कथाएं राजस्थान की हवाओं में हमेशा तैरती रहती हैं. उन्होंने इस दौरान कहा कि कितना भी समय बीत गया हो लेकिन आज एक विश्वविद्यालय में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अनावरण हुआ है. यह अपने आप में बतलाता है, कि प्रतिमाएं कृतज्ञता का प्रमाण है. ऐसे में ही प्रताप का प्रताप हमेशा विद्यमान रहेगा.
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